दवा कोई भी मेरे जखम भर नहीं पाई ,
बिगड़े हालात तो हालत सुधर नहीं पाई,
मुश्किलों ने दरवाजे पर ताला लगा दिया,
रौशनी कमरों में फिर कभी भर नहीं पाई,
मैं हर दिन तिनका -तिनका मरा हूँ,
यादें तेरी लेकिन मुझमे मर नहीं पाई,
घंटों बैठा रहता हूँ समंदर किनारे,
जो डुबा दे मुझे वो लहर नहीं आई....
बिगड़े हालात तो हालत सुधर नहीं पाई,
मुश्किलों ने दरवाजे पर ताला लगा दिया,
रौशनी कमरों में फिर कभी भर नहीं पाई,
मैं हर दिन तिनका -तिनका मरा हूँ,
यादें तेरी लेकिन मुझमे मर नहीं पाई,
घंटों बैठा रहता हूँ समंदर किनारे,
जो डुबा दे मुझे वो लहर नहीं आई....