फाईलु / फाइलातुन / फाईलु / फाइलुन
वज्न : २२१, २१२२, २२१, २१२
वज्न : २२१, २१२२, २२१, २१२
नैनो के जानलेवा औजार से बचें,
करुणा दया ख़तम दिल में प्यार से बचें,
पत्थर से दोस्त वाकिफ बेशक से हों न हों,
है आईने की फितरत दीदार से बचें,
आदत सियासती है धोखे से वार की,
तलवार से डरे ना सरकार से बचें,
महँगाई छू रही अब आसमान को,
परिवार खुश रहेगा विस्तार से बचें,
गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
जीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,
नफरत नहीं गरीबों के वास्ते सही,
यारों सदा दिमागी बीमार से बचें,
जो चासनी लबों पर रख के चले सदा,
धोखा मिलेगा ऐसे मक्कार से बचें,
अरुण जी बहुत उम्दा ग़ज़ल लिखी है आपने!
ReplyDeleteसाधुवाद!
बहुत खूब, सच कहा है।
ReplyDeleteवाह !!! बहुत बढ़िया,सुंदर गजल ,,,
ReplyDeleteRecent post: एक हमसफर चाहिए.
बेहतरीन लव्ज .........नफरत नहीं गरीबों के वास्ते सही ....एक उम्दा गजल
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २५ /६ /१३ को चर्चा मंच में राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है ।
ReplyDeleteबहुत ही कमाल की गज़ल , बहुत खूब ।
ReplyDeleteआदत सियासती है धोखे से वार की,
ReplyDeleteतलवार से डरे ना सरकार से बचें,
महँगाई छू रही अब आसमान को,
परिवार खुश रहेगा विस्तार से बचें,
Lazabaab, Bahut Sundar !!
उम्दा गजल .
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रस्तुति !
ReplyDeletelatest post जिज्ञासा ! जिज्ञासा !! जिज्ञासा !!!
बहुत ही बेहतरीन गजल...
ReplyDelete:-)
सही नसीहत देती प्रस्तुति ...
ReplyDeleteक्या बात है ?
ReplyDeleteनमस्कार
आपकी यह रचना कल बुधवार (26-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधार कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य रखें |
सादर
सरिता भाटिया
ReplyDeleteआदत सियासती है धोखे से वार की,
तलवार से डरे ना सरकार से बचें,
आदत सियासती है धोखे से वार की,
तलवार से डरे ना सरकार से बचें,
समेटे है सियासत के तमाम रंग है ग़ज़ल ,खूब सूरत चयन है सेतुओं का चर्चा -ए -मंच पर ,बिठाया है आपने हमको भी मंच पर .शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शाश्त्री जी अरुण अनंत जी ......
गिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
ReplyDeleteजीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,..
क्या बात है ... लाजवाब शेर है .. पूरी गज़ल के शेर कहन की चुस्ती लिए .. स्पष्ट भाव लिए ...
क्या बात है उम्दा गजल
ReplyDeleteगिरगिट की भांति बदले जो रंग दोस्तों,
ReplyDeleteजीवन में खास ऐसे किरदार से बचें,..
क्या बात है ..
बहुत उम्दा प्रस्तुति !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteachhi nasihat....umda vichar..
ReplyDeleteक्या बात है अनंत जी गज़ब लिखते हैं ....!!
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