मोहोब्बत में तेरे मैं संवर के भूल जाऊं
मैं खुद को तेरी रूह में उतर के भूल जाऊं
जी भरके तुझको चाहत मैं कर के भूल जाऊं
आँखों में तेरी सूरत मैं भर के भूल जाऊं
होंठो की राह पर मैं गुजर के भूल जाऊं
तेरी जिस्म की नदी में मैं तर के भूल जाऊं
मैं तेरी जिंदगी में ठहर के भूल जाऊं
मैं सारे रास्ते अपने घर के भूल जाऊं
मैं चाहता हूँ तुझमे आज मर के भूल जाऊं
मैं खुद को तेरी रूह में उतर के भूल जाऊं
जी भरके तुझको चाहत मैं कर के भूल जाऊं
आँखों में तेरी सूरत मैं भर के भूल जाऊं
होंठो की राह पर मैं गुजर के भूल जाऊं
तेरी जिस्म की नदी में मैं तर के भूल जाऊं
मैं तेरी जिंदगी में ठहर के भूल जाऊं
मैं सारे रास्ते अपने घर के भूल जाऊं
मैं चाहता हूँ तुझमे आज मर के भूल जाऊं
भगवान आपकी रक्षा करे:):)
ReplyDeletebeautifully expressed
ReplyDeleteThanks Alka Ji
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