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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Wednesday, October 31, 2012

माँ के चरणों में

माँ के चरणों में भेजा है,
मैंने एक संदेश,

या तो मेरे घर आओ,
या मुझको दो आदेश,

मन का दरवाजा खोला,
माँ कर लो ना प्रवेश,

सेवा करने की खातिर,
मैं खिदमत में हूँ पेश,

न्योछावर जीवन करना,
अब मेरा है उद्देश्य,

चलना सच्ची राहों पे,
माँ देती हैं उपदेश।।।।

Saturday, October 27, 2012

कैसे मिलते राम

मारा-मारा फिरता है,
प्राणी चारों धाम,

मन के भीतर खोजा ना,
कैसे मिलते राम,

जीवन कैसा जीता है,
प्राणी हो गुमनाम,

एक दूजे के हिस्से हैं,
श्री राधे-घनश्याम,

किस्मत अपनी रूठे तो,
बनता बिगड़े काम,

होनी-अनहोनी सब,
भगवन तेरे नाम,

श्री राधा के चरणों में,
नतमस्तक प्रणाम।।

Friday, October 26, 2012

नेताओं का काम

झेले कैसे-कैसे है,
घोटाले आवाम,

सोंची समझी साजिश है,
नेताओं का काम,

कुछ दिन की भागा-दौड़ी,
सालों तक आराम,

सीधी-सादी जनता है,
समझे ना पैगाम,

धोखा-जिल्लत-मक्कारी,
बेंचे हैं बेदाम,

घूमे पहने खाकी,कर 
लाखों कत्लेआम ।।

Wednesday, October 24, 2012

बाप के कन्धों पे - हो बेटे का जनाजा

भार इस दुनिया में, 
किसका इतना जियादा,


बाप के कन्धों पे,
हो बेटे का जनाजा,


मौत से बद्तर,
है जीने का इरादा,

बदनसीबी कैसी,
है किस्मत ने नवाजा,

दुःख का है साया,
है जख्मों का तकाजा .....

Monday, October 22, 2012

वहीँ यादें तुम्हारी

वहीँ यादें तुम्हारी,
वहीँ आँखें मेरी नम,
वहीँ बातें तुम्हारी,
वहीँ पलछिन हैं हरदम,

न मुझमे आह है बाकी,
न मुझमे चाह है बाकी,
न पाई जख्म से राहत,
न कोई राह है बाकी,

वहीँ खुशियाँ तुम्हारी,
वहीँ जिन्दा मेरे गम,
वहीँ नींदें तुम्हारी,
वहीँ जागे-२ हम,

न मुझमे रंग हैं बाकी,
न साथी-संग हैं बाकी,
मिला है दर्द चाहत में,
दिलों में जंग हैं बाकी........

Sunday, October 21, 2012

जलता है आफ़ताब

शीतल है बहुत आब,
जलता है आफ़ताब,

बरसाए जब इताब,
भू का बढ़ जाए ताब,
 
चाहत का बद गिर्दाब,
बिखरेंगे टूट ख्वाब,
 
काँटा है यूँ ख़राब,
नाजुक फंसा गुलाब,
 
मन में अल का जवाब,
ढ़ूढ़ो पाओ ख़िताब.


(शब्दों के अर्थ)

आब = पानी
आफ़ताब = सूर्य
इताब = क्रोध
ताब = ताप
बद = बुरा
गिर्दाब = भंवर
अल = कला 

Friday, October 19, 2012

इश्क की मांग में

दिलों के खेल में,
धोखा भरपूर भरा है,
 

इश्क की मांग में,
गम का सिंदूर भरा है,
 

दर्द में टूटता,
आशिक मजबूर भरा है,
 

वफ़ा की राह में,
काँटों का चूर भरा है,
 

लुटी हैं कश्तियाँ,
सागर मगरूर भरा है,
 

जुबां पे प्यार की,
जख्मी दस्तूर भरा है,
 

गुलों के बाग़ में,
भौंरा मशहूर भरा है,
 

उम्र की दौड़ में,
दिक्कत नासूर भरा है......

Wednesday, October 17, 2012

धोखा मुझको हज़ार बक्शा

दिल का जिसको दारोमदार बख्शा,
दिल को उसने मेरे
मज़ार बख्शा,
 
दिल से ऐसे है दुश्मनी निभाई,
जख्मी गम का मुझको करार
बख्शा,
 
अपनी जिसको की जिंदगी हवाले,
काँटों को मेरा सब उधार
बख्शा,
 
साँसों का जिसको था खुदा बनाया,
धोखा उसने मुझको हज़ार
बख्शा....

Sunday, October 14, 2012

बयां होती नहीं हालत

दिलों के खेल में अक्सर,
लगे है जान की लागत,
 
दर्द में रो रहा है दिल,
पड़ी है रोज की आदत,
 
कहीं है दूर कोई तो,
कहीं फिर आज है स्वागत,
 
लुटा है चैन जब से दिल,
लगे हर रात को जागत,
 
खड़ा हो चल नहीं सकता,
बचे इतनी नहीं ताकत,
 
जले जब याद दिल में वो,
बयां होती नहीं हालत....

Friday, October 12, 2012

मेरा दिल है सनकी

मेरा दिल है पागल,
मेरा दिल है सनकी,

करता है हरदम ही,
ये दिल अपने मन की,
 
खतरा है दिल जैसे,
दोस्ती है दुश्मन की,
 
सूरत है तुझ जैसी,
इस दिल में दुल्हन की,
 
मेरा ये पागलपन,
चाहत है धड़कन की,
 
मज़बूरी में जीना,
आदत है जीवन की,
 
किस्मत टूटी जैसे,
टूटे हर बरतन की,
 
यादों में है अब भी,
माँ मेरे बचपन की,
 
साँसों की बेबसी,
खातिर है यौवन की,
 
रिमझिम सी बौछारें,
गिरती हैं सावन की,
 
नम-२ सी हैं पलकें,
बारिश में नयनन की.

Wednesday, October 10, 2012

सबके कंधे झुक जाते हैं

ये लौ बुझनी है साँसों की,
जल-2 कर तन के चूल्हों में,

सोने-चाँदी का क्या करना,
इक दिन मिलना है धूलों में,

काँटों से डर कर  क्यूँ जीना,
जी भर सोना है फूलों में, 

सबके कंधे झुक जाते हैं,
जब कर बढ़ता है मूलों में, 

हर पल जीता है मरता है,
झूले जो दिल के झूलों में, 
 

Monday, October 8, 2012

मुझे चाहत का भारी खजाना पड़ा

मरा गुमसुम मेरा दिल दिवाना पड़ा,
मुझे चाहत का भारी खजाना पड़ा,
 

"तेरे नैनों से नैना मिलाने के बाद"
 
मुझे जल-2 के खुद को बुझाना पड़ा,
मुझे खुद को ही दुश्मन बनाना पड़ा,
"तेरे नैनों से नैना मिलाने के बाद"

मुझे जख्मों से रिश्ता निभाना पड़ा,
मुझे खुद को ही पागल बताना पड़ा,
 
"तेरे नैनों से नैना मिलाने के बाद"

मुझे नींदों से खुद को उठाना पड़ा,
मुझे ख्वाबों को जिन्दा जलाना पड़ा,
 
"तेरे नैनों से नैना मिलाने के बाद"

मुझे अंखियों से सागर बहाना पड़ा,
मुझे खुशियों से दामन छुडाना पड़ा,
 
"तेरे नैनों से नैना मिलाने के बाद"

मुझे धड़कन पे ताला लगाना पड़ा,
मुझे साँसों को मरना सिखाना पड़ा,
 
"तेरे नैनों से नैना मिलाने के बाद"

Saturday, October 6, 2012

जलता है मसाल-दिल पर

छाया है अकाल -दिल पर,
पाला है बवाल - दिल पर,
 
बैठा है मलाल - दिल पर,
लाखों हैं सवाल -दिल पर,
 
यादें हैं हलाल -- दिल पर,
तेरा है खयाल -- दिल पर,

देखा है कमाल --दिल पर,
जलता है मसाल-दिल पर,

जख्मों की मजाल-दिल पर,
करता है धमाल --दिल पर, 

मारे है कुदाल ---दिल पर,
दिखता है पताल - दिल पर,
 
अश्कों का उबाल - दिल पर,
आँखें हैं निहाल ---दिल पर,
 
आया है भूचाल ---दिल पर,
मौसम है गुलाल --दिल पर.

Thursday, October 4, 2012

पागल आशिक हूँ मैं दिलजला दिल का

टूटा टूटा सा है ----- हौंसला दिल का,
जाने कैसा है ये --- सिलसिला दिल का, 

होता खुशियों से है --- फासला दिल का,
सोंचे जब-2 भी दिल है -- भला दिल का,
 
तिनका-तिनका बिखरी -- जिंदगी मेरी,
गम ये दिल को है, दिल से खला दिल का,
 
जीता - मरता हूँ ------ तेरे खयालों में,
पागल आशिक हूँ मैं - दिलजला दिल का,
 
साँसे ठहरीं हैं ------ धड़कन जुदा सी है,
बहता आँखों से है ---- जलजला दिल का,
 
जिद करता है दिल --- भूलूं न तुझको मैं,
चुभता मुझको है ये ----फैसला दिल का,
 
ढूंढा पर दिल का --- मिलता नहीं है हल, 
कितना मुस्किल है ये -- मामला दिल का,
 
फिरता रहता हूँ ------ मैं बावरा होकर,
जादू ऐसा है दिल पर --- चला दिल का,

उगता सूरज है दिल में --  ढला दिल का,
कोना-कोना है बुझके --- जला दिल का,

Monday, October 1, 2012

मुहब्बत की कारीगरी देखी

तबियत अपनी - जब हरी देखी,
मुहब्बत की - - - कारीगरी देखी,
 
उठा चाहत का -- जब पर्दा, मैंने,
नमी आँखों में थी ---  भरी देखी,
 
भुला दूँ तुझको -- याद या रक्खूं,
दर्द उलझन --- हालत बुरी देखी,
 
खफा है धड़कन - सांस अटकी है,
गले में हलचल ---- खुरदरी देखी,
 
सुर्ख रातें हैं ------ दिन बुझा सा है,
सुहानी शम्मा भी ------ मरी देखी,
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