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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

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Wednesday, October 31, 2012

माँ के चरणों में

माँ के चरणों में भेजा है,
मैंने एक संदेश,

या तो मेरे घर आओ,
या मुझको दो आदेश,

मन का दरवाजा खोला,
माँ कर लो ना प्रवेश,

सेवा करने की खातिर,
मैं खिदमत में हूँ पेश,

न्योछावर जीवन करना,
अब मेरा है उद्देश्य,

चलना सच्ची राहों पे,
माँ देती हैं उपदेश।।।।

Thursday, June 28, 2012

रिश्ते में माँ का लाला लगा

सजा मंदिर, माँ का निराला लगा,
मैं तो रिश्ते में माँ का लाला लगा,
 

हाँथ सर पे, तेरा पड़ा जबसे माँ,
मेरे जीवन में तबसे उजाला लगा,
 
मैं तो रिश्ते में माँ का लाला लगा,

पवन आकर मेरे घर पंखा करे,
बुरी नज़रों पर टीका काला लगा,
मैं तो रिश्ते में माँ का लाला लगा.

Saturday, June 23, 2012

मेरी माँ का ये दरबार


सबको भर - भर के देता प्यार, मेरी माँ का ये दरबार,
माँ रखती हैं उसका ध्यान,
जो दिल से देता है सम्मान,
करता खुशियों की बौछार, मेरी माँ का ये दरबार,
कभी आती नहीं बिपदा,
मैं माँ का नाम हूँ जपता,
चैन से भरता है घर-बार, मेरी माँ का ये दरबार,
सुबह और शाम को प्रणाम,
निशदिन करता हूँ ये काम,
बढा देता है हर व्यापार, मेरी माँ का ये दरबार,
हो गया एक रिश्ता नया शुरू,
माँ मेरी अब माँ से बनी गुरु,
बसाता सुख के कई संसार, मेरी माँ का दरबार........

Wednesday, April 25, 2012

मेरी माँ के कर दवा हो गए

दुखों के इरादे हवा हो गए,
मेरी माँ के कर दवा हो गए,
नहीं दर्द का, ना ही घावों से डर था,
अब आँचल की छावों में मेरा घर था,
खुशियों के पल बढ सवा हो गए,
मेरी माँ के कर दवा हो गए,
कभी न चुभा मुझको जख्मों का बिस्तर,
जो माँ हाँथ फेरे तो रह जाते पिसकर,
गम के बदल जलकर लवा हो गए, 

 मेरी माँ के कर दवा हो गए.....
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