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Sunday, November 18, 2012

कुछ - शे'र

होगा कैसा आगाज, देखा जाएगा,
कर लूं खुद को बर्बाद, देखा जाएगा,
जीना है मरना है, इश्क में हर घडी,
बाकी सब तेरे, बाद देखा जाएगा....

अश्कों पे कैसे, लगायेंगें ताले,
यादें तुम्हारी, जखम दिल में डाले,
बदला है सबकुछ,मगर फिर भी यारों,
घर से ना जाएँ, मुहब्बत के जाले।

दिन दूभर, लगी रात भारी।
ऐसी है, इश्क की बिमारी।।

शबनमी बूंदें, यूँ पलकों पे जमी होती है।
हम बहुत रोते हैं जब तेरी कमी होती है।।

इश्क नासूर, बेइलाज है।
जख्म नें बदला,मिजाज है।।
कभी आँखों से, बहे अश्क।
कभी दिल से दिल, नराज है।।  

30 comments:

  1. Amit ChandraNovember 18, 2012 at 12:32 PM

    बहुत खुब. अच्छा लगा.

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 18, 2012 at 1:48 PM

      बहुत-2 शुक्रिया अमित जी.

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  • विनोद सैनीNovember 18, 2012 at 1:03 PM

    वाह वाह तभी तो कहते है कि प्‍यार तो कठिन है

    यूनिक तकनकी ब्ला ग

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 18, 2012 at 1:50 PM

      शुक्रिया विनोद भाई.

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  • चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’November 18, 2012 at 1:20 PM

    बहुत ख़ूब!
    आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 19-11-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1068 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 18, 2012 at 1:50 PM

      तहे दिल से शुक्रिया गाफिल सर.

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  • DR. PAWAN K. MISHRANovember 18, 2012 at 2:49 PM

    बहुत सुन्दर रचना है.

    http://pachhuapawan.blogspot.in/2012/11/blog-post_16.html

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 18, 2012 at 3:05 PM

      बहुत-2 शुक्रिया मित्र

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  • शालिनी कौशिकNovember 18, 2012 at 3:44 PM

    bhavpoorn abhivyakti badhai

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:03 PM

      शुक्रिया शालिनी जी

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  • रविकरNovember 18, 2012 at 5:46 PM

    बढ़िया है अरुण जी ।।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:03 PM

      बहुत-2 शुक्रिया आदरणीय रविकर सर

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  • Reena MauryaNovember 18, 2012 at 7:05 PM

    सभी शेर बहुत अच्छे लगे
    बहुत बढियाँ..बहुत बेहतरीन...
    :-)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:03 PM

      शुर्किया रीना जी

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  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाNovember 18, 2012 at 7:06 PM

    वाह,,,सभी शेर अच्छे लगे,,,अरुन जी ,,बधाई

    recent post...: अपने साये में जीने दो.

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:04 PM

      हार्दिक आभार आदरणीय धीरेन्द्र सर

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  • सदाNovember 19, 2012 at 10:58 AM

    वाह ... बहुत खूब।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:04 PM

      धन्यवाद सदा दीदी

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    Reply
  • Madan Mohan SaxenaNovember 19, 2012 at 12:23 PM

    बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
    आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:05 PM

      सक्सेना साहब आपका स्नेह मिला बड़ा अच्छा लगा, बहुत-2 शुक्रिया

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  • शारदा अरोराNovember 19, 2012 at 1:49 PM

    badhiya Arun ji...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 2:05 PM

      धन्यवाद आदरणीया शारदा जी

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    Reply
  • shaliniNovember 19, 2012 at 5:29 PM

    बहुत बढ़िया शेर....विशेष रूप से पहला व चौथा तो लाजवाब है!

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 19, 2012 at 5:37 PM

      शुक्रिया शालिनी जी

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    Reply
  • Rajesh KumariNovember 19, 2012 at 10:22 PM

    अश्कों पे कैसे, लगायेंगें ताले,
    यादें तुम्हारी, जखम दिल में डाले,
    बदला है सबकुछ,मगर फिर भी यारों,
    घर से ना जाएँ, मुहब्बत के जाले।
    बहुत सुन्दर शानदार लिखा बहुत बहुत बधाई

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 21, 2012 at 5:33 PM

      तहे दिल से आभार आदरेया राजेश कुमारी जी

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    Reply
  • Virendra Kumar SharmaNovember 19, 2012 at 11:11 PM


    दिन दूभर, लगी रात भारी।
    ऐसी है, इश्क की बिमारी।।

    शबनमी बूंदें, यूँ पलकों पे जमी होती है।
    हम बहुत रोते हैं जब तेरी कमी होती है।।

    इश्क नासूर, बेइलाज है।
    जख्म नें बदला,मिजाज है।।
    कभी आँखों से, बहे अश्क।
    कभी दिल से दिल, नराज है।।

    बढ़िया प्रस्तुति दोस्त .

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 21, 2012 at 5:33 PM

      बहुत-2 शुक्रिया आदरणीय वीरेंद्र सर

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    Reply
  • राज चौहानNovember 21, 2012 at 4:10 PM

    बदला है सबकुछ,मगर फिर भी यारों,
    घर से ना जाएँ, मुहब्बत के जाले।
    बहुत सुन्दर शानदार ......... बधाई

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 21, 2012 at 5:34 PM

      धन्यवाद चौहान साहब

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