नदियाँ कितनी -- आँखें मेरी बहाती हैं,
यादें तेरी गोदी में - - - जब झुलाती हैं,
थोड़ी-थोड़ी अब भी - उम्मीद है बाकी,
आजा तुझको साँसे - - मेरी बुलाती हैं,
बहता दरिया है- आफत का लहू बनके,
जब भी उलझन -- बातें तेरी बढ़ाती हैं,
सारे मेरे - - बेचैनी से --- भरे हैं दिन,
करवट - करवट में - रातें बीत जाती हैं,
बन गम मुझमें, बहता है प्रेम का सागर,
लहरें जीवन की -- जलती लौ बुझाती हैं,
होता मेरे है - - - जख्मों में - दर्द ज्यादा,
जब-जब काँटा -- - चीज़ें तेरी चुभाती हैं.
यादें तेरी गोदी में - - - जब झुलाती हैं,
थोड़ी-थोड़ी अब भी - उम्मीद है बाकी,
आजा तुझको साँसे - - मेरी बुलाती हैं,
बहता दरिया है- आफत का लहू बनके,
जब भी उलझन -- बातें तेरी बढ़ाती हैं,
सारे मेरे - - बेचैनी से --- भरे हैं दिन,
करवट - करवट में - रातें बीत जाती हैं,
बन गम मुझमें, बहता है प्रेम का सागर,
लहरें जीवन की -- जलती लौ बुझाती हैं,
होता मेरे है - - - जख्मों में - दर्द ज्यादा,
जब-जब काँटा -- - चीज़ें तेरी चुभाती हैं.