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Sunday, April 1, 2012

एक पल में धोखा

मोहोब्बत का मज़ा बड़ा अलग, बहुत अनोखा,
एक पल में
ऐतबार, तो एक पल में धोखा,  
कोई गम से भीगा , किसी को दर्द ने सोखा,
कभी रोने से नहीं फुर्सत,कभी हँसते नहीं देखा,
ग़लतफ़हमी है कहीं,
कहीं है भाग्य का लेखा,
कभी नज़र नहीं पड़ती,कुछ दिखकर भी अनदेखा
कहीं फूलों का आशियाना, कहीं काँटों का झरोखा,


 

कोई मजबूर है तो किसी का पेशा है,
कोई दर्द से बहुत चूर भी हमेशा है, 
कहानी बुनी है किस्मत ने जिंदगी में
यही किस्मत ही दिल की भेषभूषा है,
कभी ज़हन में अपने दफ़न हैं राज़,
तो कभी अपना दिल ही एक शीशा है,


मोटी बात है दिल से छनती नहीं,
मोहोब्बत से मेरी ज़रा बनती नहीं,
आदत है धोके से शिकार करने की,
ये अदा मेरे जहन में पलती नहीं,
एक बार जो उतर जाए दिल से,
फिर चाहत दिल में चढ़ती नहीं,

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