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Monday, April 9, 2012

क्या है माँ

क्या है माँ, माँ का होना क्या है,
मुझसे जानो माँ का खोना क्या है
मेरा दर्द मेरी माँ
से बहुत डरता है
जखम खुद ही खुद को भरता है 
कभी आँखों ने न जाना रोना क्या है
मुझसे जानो माँ का खोना क्या है
ख़ुशी भर-भर के आँखों से छलकती है
क्यूंकि माँ बहुत ज्यादा प्यार करती है
माँ की गोद में सुकूँ से सोना क्या है
मुझसे जानो माँ का खोना क्या है
जाँ को जाने से रद कर दे
जहर को छू सहद कर दे
उमर माँ के बिना ढोना क्या है
मुझसे जानो माँ का खोना क्या है

3 comments:

  1. माँ तुझे सलाम ,सुंदर और संवेदनशील रचना बधाई

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  2. डॉ॰ मोनिका शर्माApril 9, 2012 at 10:25 PM

    सच है माँ से बढ़कर कोई नहीं .....हृदयस्पर्शी भाव

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  3. संजय भास्करApril 12, 2012 at 8:35 AM

    सुन्दर अभिव्यक्ति् सुन्दर भाव…..….धन्यवाद

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