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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Sunday, October 14, 2012

बयां होती नहीं हालत

दिलों के खेल में अक्सर,
लगे है जान की लागत,
 
दर्द में रो रहा है दिल,
पड़ी है रोज की आदत,
 
कहीं है दूर कोई तो,
कहीं फिर आज है स्वागत,
 
लुटा है चैन जब से दिल,
लगे हर रात को जागत,
 
खड़ा हो चल नहीं सकता,
बचे इतनी नहीं ताकत,
 
जले जब याद दिल में वो,
बयां होती नहीं हालत....

12 comments:

  1. रविकरOctober 14, 2012 at 10:58 AM

    बढ़िया प्रस्तुति |
    बधाई स्वीकारें ||

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    1. "अनंत" अरुन शर्माOctober 14, 2012 at 11:03 AM

      आदरणीय रविकर सर तहे दिल से शुक्रिया

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  • Dheerendra singh BhadauriyaOctober 14, 2012 at 2:36 PM

    बढ़िया लाजबाब प्रस्तुति |

    बेवफा, देखना एक दिन हम जरूर याद आयेगें,
    ये झूठ,फरेब,के आँसू हम छुपा के मुस्कुरायेगें,,,,,,,

    MY RECENT POST: माँ,,,

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    1. "अनंत" अरुन शर्माOctober 14, 2012 at 5:23 PM

      तहे दिल से शुक्रिया धीरेन्द्र सर

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    Reply
  • ***Punam***October 14, 2012 at 11:48 PM

    लुटा है चैन जब से दिल,
    लगे हर रात को जागत,

    खड़ा हो चल नहीं सकता,
    बचे इतनी नहीं ताकत,

    जले जब याद दिल में वो,
    बयां होती नहीं हालत....

    ऐसा ही होता है...!
    सुन्दर रचना....:)))

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माOctober 15, 2012 at 10:38 AM

      धन्यवाद पूनम जी आप रचना पसंद आई

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    Reply
  • Sarita SinhaOctober 17, 2012 at 5:46 PM


    दर्द में रो रहा है दिल,
    पड़ी है रोज की आदत,
    bahut khub kahaa...badhai..

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    1. "अनंत" अरुन शर्माOctober 18, 2012 at 11:21 AM

      बहुत-२ शुक्रिया सरिता जी

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  • Reena MauryaOctober 17, 2012 at 7:50 PM

    भावपूर्ण रचना....
    :-)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माOctober 18, 2012 at 11:21 AM

      शुक्रिया रीना जी

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  • संजय भास्करNovember 1, 2012 at 7:51 AM

    लुटा है चैन जब से दिल,
    लगे हर रात को जागत,
    ..........सुंदर रचना के लिए आपको बधाई

    संजय कुमार
    आदत….मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 1, 2012 at 10:37 AM

      बहुत-2 शुक्रिया संजय भाई

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