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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

वहीँ यादें तुम्हारी

वहीँ यादें तुम्हारी,
वहीँ आँखें मेरी नम,
वहीँ बातें तुम्हारी,
वहीँ पलछिन हैं हरदम,

न मुझमे आह है बाकी,
न मुझमे चाह है बाकी,
न पाई जख्म से राहत,
न कोई राह है बाकी,

वहीँ खुशियाँ तुम्हारी,
वहीँ जिन्दा मेरे गम,
वहीँ नींदें तुम्हारी,
वहीँ जागे-२ हम,

न मुझमे रंग हैं बाकी,
न साथी-संग हैं बाकी,
मिला है दर्द चाहत में,
दिलों में जंग हैं बाकी........

18 टिप्‍पणियां:

  1. सदा22 अक्टूबर 2012 को 12:54 pm

    वहीं खुशियां तुम्‍हारी,

    वहीं जिन्‍दा मेरे गम,

    वाह ... बहुत खूब।

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा22 अक्टूबर 2012 को 12:55 pm

      शुक्रिया सदा जी

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  • रविकर22 अक्टूबर 2012 को 1:17 pm


    शुभकामनायें ||

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा22 अक्टूबर 2012 को 1:20 pm

      तहे दिल से स्वीकार्य है आदरणीय रविकर सर, यूँ ही अपना आशीष बनाये रखिये.

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  • Reena Maurya22 अक्टूबर 2012 को 1:55 pm

    वहीँ खुशियाँ तुम्हारी,
    वहीँ जिन्दा मेरे गम,
    वहीँ नींदें तुम्हारी,
    वहीँ जागे-२ हम,
    बहुत हि अच्छी पंक्तीया
    सुंदर रचना...
    :-)

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा22 अक्टूबर 2012 को 2:08 pm

      आपका बहुत-2 शुक्रिया रीना जी

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  • shalini22 अक्टूबर 2012 को 5:03 pm

    bahut sundar lagi aapki yah post...seedhe dil se.

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा22 अक्टूबर 2012 को 5:11 pm

      बहुत-2 शुक्रिया शालिनी जी आपका, इस सराहना और स्नेह के लिए

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  • Dheerendra singh Bhadauriya22 अक्टूबर 2012 को 8:44 pm

    खुदा करे कि मजा इन्तजार का न मिटे,
    मेरे सवाल का वो दे जबाब बरसों में,,,,,

    दुर्गा अष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें *

    RECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा24 अक्टूबर 2012 को 10:46 am

      बहुत-2 शुक्रिया धीरेन्द्र सर

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  • Virendra Kumar Sharma23 अक्टूबर 2012 को 4:08 am

    वहीँ यादें तुम्हारी,
    वहीँ आँखें मेरी नम,
    वहीँ बातें तुम्हारी,
    वहीँ पलछिन हैं हरदम,

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  • Virendra Kumar Sharma23 अक्टूबर 2012 को 4:09 am

    बहुत बढ़िया रचना है दोस्त आपकी .(मुझमें )

    वहीँ यादें तुम्हारी,
    वहीँ आँखें मेरी नम,
    वहीँ बातें तुम्हारी,
    वहीँ पलछिन हैं हरदम,

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  • Virendra Kumar Sharma23 अक्टूबर 2012 को 4:10 am

    बहुत बढ़िया रचना है दोस्त आपकी

    वहीँ यादें तुम्हारी,
    वहीँ आँखें मेरी नम,
    वहीँ बातें तुम्हारी,
    वहीँ पलछिन हैं हरदम,

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा24 अक्टूबर 2012 को 10:46 am

      आदरणीय वीरेंद्र सर सराहना के लिए शुक्रिया

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  • Rajesh Kumari23 अक्टूबर 2012 को 6:36 am

    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा मंगलवार २३/१०/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा24 अक्टूबर 2012 को 10:47 am

      आदरणीया राजेश कुमारी जी आपका तहे दिल से शुक्रिया

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  • Rohitas ghorela23 अक्टूबर 2012 को 8:47 am

    वहीँ खुशियाँ तुम्हारी,
    वहीँ जिन्दा मेरे गम,
    वहीँ नींदें तुम्हारी,
    वहीँ जागे-२ हम,

    बहुत उम्दा बहुत खूब.
    आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।

    अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।
    धन्यवाद !!
    http://rohitasghorela.blogspot.com

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    1. "अनंत" अरुन शर्मा24 अक्टूबर 2012 को 10:47 am

      शुक्रिया घोरेला साहब

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