बेचैन मेरे दिल को, आराम चाहिए,
तरसी निगाहों को भी, पैगाम चाहिए,
हालात हैं नाजुक, है गम का सहारा,
तरसी निगाहों को भी, पैगाम चाहिए,
हालात हैं नाजुक, है गम का सहारा,
खामोश होंठों को थोडा, जाम चाहिए,
मुझको उम्रभर के लिए, हासिल दर्द है,
नमकीन अश्कों को घर में, काम चाहिए,
नमकीन अश्कों को घर में, काम चाहिए,
मदहोश कर पहले, जख्मों से नवाजा,
दीवानगी का बाकी अब, अंजाम चाहिए,
दीवानगी का बाकी अब, अंजाम चाहिए,
हर बार तूने तोडा, दिल का भरोसा,
अब और कुछ भी करने का, दाम चाहिए.
अब और कुछ भी करने का, दाम चाहिए.
waah bahut khub. behtrain gazal.
ReplyDeleteवाह क्या बात है ... सभी शेर दिलकश ...
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