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Wednesday, September 19, 2012

बेवफा है वफ़ा का ज्ञान देती है

बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
 

इश्क में मैं जला हूँ, हर घडी यूँ ही,
रोज़ चादर ग़मों की, तान देती है,
 

मैं जिया हूँ, मरा हूँ, साथ यादों के,
मौत का वो मुझे, सामान देती है,
 

खेल है ये मुहब्बत, का बुरा इतना,
जिंदगी को जिंदगी ही, जान देती है,
 

सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
और भी याद, उस दौरान देती है........

34 comments:

  1. सदाSeptember 19, 2012 at 1:01 PM

    वाह ... बहुत खूब।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 1:24 PM

      बहुत-२ शुक्रिया सदा जी

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  • दिगम्बर नासवाSeptember 19, 2012 at 1:03 PM

    इश्क में मैं जला हूँ, हर घडी यूँ ही,
    रोज़ चादर ग़मों की, तान देती है,..

    इसको इश्क का साइड इफेक्ट भी बोलते हैं ... उसके साथ ही आता है ये गम ... बहुत खूब लिखा है ...

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 1:24 PM

      शुक्रिया सर शुक्रिया

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  • Pankaj Kumar SahSeptember 19, 2012 at 1:24 PM

    बहुत खूब पंक्तियाँ....
    हौसला आफजाई के लिए धन्यवाद महाशय

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  • "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 1:33 PM

    शुक्रिया मित्र

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  • yashoda agrawalSeptember 19, 2012 at 2:49 PM

    खूब सूरत रचना
    बेवफा है,
    वफ़ा का,
    ज्ञान देती है,
    जख्म देकर दर्द पे,
    ध्यान देती है,
    इश्क में मैं जला हूँ,
    हर घडी यूँ ही,
    रोज़ चादर ग़मों की,
    तान देती है,
    सादर

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 3:01 PM

      यशोदा दीदी बहुत-२ शुक्रिया, गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  • dheerendraSeptember 19, 2012 at 3:13 PM

    वाह ,,, बहुत बढ़िया नज्म,,,,अरुण जी,,,

    RECENT P0ST ,,,,, फिर मिलने का

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 3:27 PM

      शुक्रिया धीरेन्द्र सर

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  • yashoda agrawalSeptember 19, 2012 at 3:23 PM

    आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 22/09/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 3:27 PM

      दीदी बहुत-२ शुक्रिया मेरी रचना को स्थान दिया

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    Reply
  • शारदा अरोराSeptember 19, 2012 at 4:22 PM

    bahut khoobsoorat ..

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 19, 2012 at 4:25 PM

      शुक्रिया आदरेया जी

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    Reply
  • Anupama TripathiSeptember 20, 2012 at 9:05 PM

    बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
    जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
    waah bahut sundar bhav ...
    shubhkamnayen ...!!

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 21, 2012 at 10:48 AM

      आदरेया अनुपमा जी आपकी सराहना मिली तबियत खुश हो गयी . शुक्रिया

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    Reply
  • gayatri soniSeptember 21, 2012 at 6:01 PM

    zindagi ko zindagi hi jaan deti hai!

    nice poem:)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 21, 2012 at 6:11 PM

      बहुत-२ शुक्रिया गायत्री जी

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    Reply
  • संगीता स्वरुप ( गीत )September 22, 2012 at 12:15 PM

    बहुत खूब ....

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 22, 2012 at 12:32 PM

      आदरेया संगीता जी आपको तहे दिल से शुक्रिया

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    Reply
  • Reena MauryaSeptember 22, 2012 at 12:25 PM

    कोमल भावों की अभिव्यक्ति..
    सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
    और भी याद, उस दौरान देती है...
    :-)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 22, 2012 at 12:33 PM

      रीना जी आपको रचना पसंद आई आपने सराहा आपकी सराहना सर आँखों पर, शुक्रिया

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    Reply
  • रश्मिSeptember 22, 2012 at 12:33 PM

    वाह...खूब

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 22, 2012 at 12:44 PM

      शुक्रिया रश्मि जी

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    Reply
  • Prakash JainSeptember 22, 2012 at 1:21 PM

    सोंचता हूँ कभी, जो मैं भुलाऊं तो
    और भी याद, उस दौरान देती है........

    Bhavpurn...bahut sundar

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  • "अनंत" अरुन शर्माSeptember 22, 2012 at 2:07 PM

    शुक्रिया प्रकाश भाई

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  • उपासना सियागSeptember 22, 2012 at 3:39 PM

    बहुत सुन्दर ..

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 22, 2012 at 4:13 PM

      शुक्रिया उपासना जी

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    Reply
  • OnkarSeptember 22, 2012 at 5:52 PM

    सुन्दर ग़ज़ल

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 23, 2012 at 2:00 PM

      शुक्रिया सर

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  • ई. प्रदीप कुमार साहनीSeptember 23, 2012 at 12:38 AM

    सुंदर प्रस्तुति |
    मेरी नई पोस्ट:-
    मेरा काव्य-पिटारा:पढ़ना था मुझे

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 23, 2012 at 2:00 PM

      शुक्रिया प्रदीप जी

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    Reply
  • Rekha JoshiSeptember 23, 2012 at 3:59 PM

    बेवफा है, वफ़ा का, ज्ञान देती है,
    जख्म देकर दर्द पे, ध्यान देती है,
    bahut khuubsuurt rachna beta arun ,likhte rho aaashiirvaad

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 23, 2012 at 4:15 PM

      शुक्रिया माँ आपका आशीर्वाद मिला मैं धन्य हो गया, हूँ ही अपना आशीर्वाद बनाये रखिएगा

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