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Saturday, September 8, 2012

मैंने मुहब्बत कर ली है वो वाली

जाती नहीं मेरी, आँखों की लाली,
आदत निगाहों, को कैसी डाली,

साँसे दीवानी हैं, पागल है धड़कन,
मैंने मुहब्बत कर, ली है वो वाली,
 
दिन रात है यूँ, बेचैनी का आलम,
कर दो न घर, मेरे यादों का खाली,
 
गम से भरा है, मेरे दिल का कोना,
कैसी मुसीबत, ये मैंने है पाली,
 
रिश्ते निभाऊं, या तोडूं हर बंधन,
बजती नहीं है, अब रिश्तों की ताली.

12 comments:

  1. संध्या शर्माSeptember 8, 2012 at 3:15 PM

    बहुत खूब...सचमुच रिश्ते अब रिश्ते नहीं रहे, औपचारिकता बनकर रह गए हैं....

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    1. अरुन शर्माSeptember 8, 2012 at 3:52 PM

      तहे दिल से शुक्रिया संध्या जी

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  • रश्मिSeptember 8, 2012 at 3:58 PM

    वाह..सुंदर

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    1. अरुन शर्माSeptember 8, 2012 at 3:59 PM

      रश्मि जी हौंसल आफजाई के लिए हार्दिक अभिनन्दन

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  • दिगम्बर नासवाSeptember 8, 2012 at 4:55 PM

    दिन रात है यूँ, बेचैनी का आलम,
    कर दो न घर, मेरे यादों का खाली ...

    बहुत खूब ... लाजवाब शेर है ...

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    1. अरुन शर्माSeptember 9, 2012 at 2:38 PM

      आदरणीय दिगम्बर जी बहुत-२ शुक्रिया

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  • Reena MauryaSeptember 8, 2012 at 9:39 PM

    बहुत बेहतरीन रचनाये होती है आपकी..
    सुन्दर और मनभावन...
    :-)

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    1. अरुन शर्माSeptember 9, 2012 at 2:39 PM

      तहे दिल से शुक्रिया रीना जी, आपकी सराहना मुझे बेहद पसंद आती है.

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  • अजय कुमारSeptember 9, 2012 at 12:03 PM

    sundar abhivyakti

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    1. अरुन शर्माSeptember 9, 2012 at 2:39 PM

      अजय सर धन्यवाद

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  • संजय भास्करSeptember 10, 2012 at 8:14 PM

    बहुत ही खुबसूरत
    और कोमल भावो की अभिवयक्ति....

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    1. अरुन शर्माSeptember 12, 2012 at 11:08 AM

      शुक्रिया संजय भाई

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