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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Monday, September 24, 2012

तुझको मुझसे अच्छा दिवाना मिल जाये

अश्कों को बहने का--- बहाना मिल जाये,
टूटे दिल को मेरे ---- ठिकाना मिल जाये,
 

मांगी है मैंने बस दुआ ----- इतनी रब से, 
तुझको मुझसे अच्छा-- दिवाना मिल जाये,
 

चाहत में प्यार की --किस्मत कुछ ऐसी हो,
सबके दिल को दिल का, खज़ाना मिल जाये,
 

धीरे-धीरे बढ़ता सिलसिला-- है जख्मों का,
थोडा मरहम मुझको--- लगाना मिल जाये,
 

साँसे सीने में -------- आखिरी हैं ऐसे में,
गुजरा मुझको मेरा ---- ज़माना मिल जाये,

16 comments:

  1. सदाSeptember 24, 2012 at 12:43 PM

    वाह ... वाह बहुत खूब।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 24, 2012 at 4:52 PM

      बहुत-२ शुक्रिया सदा जी

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  • Kailash SharmaSeptember 24, 2012 at 3:43 PM

    साँसे सीने में -------- आखिरी हैं ऐसे में,
    गुजरा मुझको मेरा ---- ज़माना मिल जाये,

    ...बहुत खूब! रचना दिल को छू गई...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 24, 2012 at 4:51 PM

      आदरणीय कैलाश सर मेरी रचना आपके दिल को छू गई इससे ज्यादा ख़ुशी की बात और क्या होगी शुक्रिया सर

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  • dheerendraSeptember 24, 2012 at 3:46 PM

    लाजबाव,,,वाह ,,,,,क्या बात है,,,,,,अरुन जी,,,

    RECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 24, 2012 at 4:53 PM

      आदरणीय धीरेन्द्र सर आपका स्नेह मिला टिप्पणियों के रूप पे तहे दिल से शुक्रिया

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    2. संजय भास्करSeptember 26, 2012 at 8:47 AM

      .....बहुत खूब लाजबाब ! अरुन जी

      Recent Post…..नकाब
      पर आपका स्वगत है

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    3. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 26, 2012 at 10:38 AM

      शुक्रिया संजय भाई

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  • Manu TyagiSeptember 25, 2012 at 8:25 AM

    दिल को छू गयी

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 26, 2012 at 10:39 AM

      शुक्रिया मनू जी

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  • शारदा अरोराSeptember 25, 2012 at 10:42 AM

    shabdon ka jadu chal gya ...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 26, 2012 at 10:39 AM

      शुक्रिया शारदा जी

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  • Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारSeptember 26, 2012 at 12:58 PM

    .

    मांगी है मैंने बस दुआ … इतनी रब से,
    तुझको मुझसे अच्छा… दीवाना मिल जाये

    वाऽऽह ! प्यार हो तो ऐसा कि प्रियतमा के लिए ख़ुद से भी अच्छे प्रेमी की कामना की जाए …
    बहुत ख़ूब !!

    "अनंत" अरुन शर्मा जी
    आपकी अन्य रचनाएं भी पढ़ कर आनन्द आया …

    आज शायद पहली बार पहुंचा हूं आपके यहां …
    फिर आना है अब …
    लिखते रहें…
    मंगलकामनाओं सहित …
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 26, 2012 at 1:04 PM

      राजेन्द्र सर आपके द्वारा इतनी सराहना मिली की ह्रदय गद-गद हो गया, आपका तहे दिल से शुक्रिया.

      सर वो प्रेम ही क्या जिसमे बलिदान न हो

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  • Prabodh Kumar GovilSeptember 27, 2012 at 9:49 AM

    Chhote se bartan men swadisht aur bharpoor khaana.

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  • "अनंत" अरुन शर्माSeptember 27, 2012 at 10:54 AM

    तहे दिल से शुक्रिया सर, आप पहली बार आये आपका स्वागत है.

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