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रविवार, 28 जुलाई 2013

ग़ज़ल : तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक - ३७ वें में प्रस्तुत मेरी ग़ज़ल :-
(बह्र: बहरे हज़ज़ मुसद्दस महजूफ)

.......................................
जिसे अपना बनाए जा रहा हूँ,
उसी से चोट दिल पे खा रहा हूँ,

यकीं मुझपे करेगी या नहीं वो,
अभी मैं आजमाया जा रहा हूँ,

मुहब्बत में जखम तो लाजमी है,
दिवाने दिल को ये समझा रहा हूँ,

अकेला रात की बाँहों में छुपकर,
निगाहों की नमी छलका रहा हूँ,

जुदाई की घडी में आज कल मैं,
तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ..

28 टिप्‍पणियां:

  1. महेन्द्र श्रीवास्तव28 जुलाई 2013 को 10:04 pm

    क्या बात, बढिया

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  2. धीरेन्द्र सिंह भदौरिया29 जुलाई 2013 को 5:26 am

    बहुत खूब, सुंदर गजल ,,,

    RECENT POST: तेरी याद आ गई ...

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  3. yashoda agrawal29 जुलाई 2013 को 6:02 am

    शुभ प्रभात
    एक बेहतरीन ग़ज़ल
    इसे मैं अपनी धरोहर में संजोना चाहती हूँ
    पर असफल हुई
    कृपया कॉपी दें
    सादर

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  4. राजेंद्र कुमार29 जुलाई 2013 को 7:37 am

    वाह ! अतिसुन्दर …बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल की प्रस्तुति,आभार।

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  5. रविकर29 जुलाई 2013 को 8:39 am

    सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार -

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  6. ranjana bhatia29 जुलाई 2013 को 6:38 pm

    waah bahut badhiya

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  7. Ranjana Verma29 जुलाई 2013 को 8:48 pm

    बहुत खुबसूरत!!

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  8. Aparna Anurag29 जुलाई 2013 को 11:07 pm

    wow lovely gazal :-)
    http://hindustanisakhisaheli.blogspot.com/

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  9. Aparna Anurag29 जुलाई 2013 को 11:08 pm

    wow lovely gazal http://hindustanisakhisaheli.blogspot.com/

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  10. expression30 जुलाई 2013 को 10:27 pm

    बहुत बढ़िया ग़ज़ल....

    अनु

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  11. प्रवीण पाण्डेय31 जुलाई 2013 को 5:51 pm

    बहुत ही सुन्दर रचना।

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  12. प्रवीण पाण्डेय31 जुलाई 2013 को 6:12 pm

    सुन्दर रचना...

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  13. वसुंधरा पाण्डेय निशी3 अगस्त 2013 को 6:56 pm

    बहुत सुन्दर गजल ...!!

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  14. दिल की आवाज़3 अगस्त 2013 को 9:27 pm

    बहुत सुन्दर. गजल !!

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  15. VenuS "ज़ोया"4 अगस्त 2013 को 12:24 am

    यकीं मुझपे करेगी या नहीं वो,
    अभी मैं आजमाया जा रहा हूँ,


    hmmmm..ye sher to bahut psnd aayaa mujhe aur ghzal bhi khoob he

    take care

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  16. प्रतिभा सक्सेना4 अगस्त 2013 को 6:28 am

    सुन्दर अभिव्यक्ति !

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  17. Neeraj Kumar4 अगस्त 2013 को 12:03 pm

    बहुत सुन्दर ग़ज़ल .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (05.08.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  18. दिगम्बर नासवा4 अगस्त 2013 को 1:46 pm

    अकेला रात की बाँहों में छुपकर,
    निगाहों की नमी छलका रहा हूँ,..

    खूबसूरत बिम्ब से सजा शेर ... रात की बाहों का प्रयोग लाजवाब है इस गज़ल में ...

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  19. Reena Maurya5 अगस्त 2013 को 12:15 am

    बहुत ही बेहतरीन गजल...
    :-)

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  20. shorya Malik5 अगस्त 2013 को 11:09 am

    अरुण भाई मेरी और से ढेरो बधाई स्वीकार करे ,

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  21. Virendra Kumar Sharma5 अगस्त 2013 को 9:45 pm

    लयात्मक गत्यात्मक अर्थ पूर्ण खूब सूरत रचना भाव और अर्थ की सुन्दर अन्विति समस्वरता है रचना में। हर शैर एक राग लिए है मन का।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  22. Virendra Kumar Sharma5 अगस्त 2013 को 9:47 pm

    लयात्मक गत्यात्मक अर्थ पूर्ण खूब सूरत रचना भाव और अर्थ की सुन्दर अन्विति समस्वरता है रचना में। हर शैर एक राग लिए है मन का।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  23. Virendra Kumar Sharma5 अगस्त 2013 को 9:47 pm

    लयात्मक गत्यात्मक अर्थ पूर्ण खूब सूरत रचना भाव और अर्थ की सुन्दर अन्विति समस्वरता है रचना में। हर शैर एक राग लिए है मन का।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  24. आशा जोगळेकर5 अगस्त 2013 को 10:19 pm

    यकीं मुझपे करेगी या नहीं वो,
    अभी मैं आजमाया जा रहा हूँ,

    मुहब्बत में जखम तो लाजमी है,
    दिवाने दिल को ये समझा रहा हूँ,

    क्या बात है अरुन जी बहोत खूब ।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  25. मदन मोहन सक्सेना6 अगस्त 2013 को 12:14 pm

    सुन्दर ,सटीक और प्रभाबशाली रचना। कभी यहाँ भी पधारें।
    सादर मदन
    http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
    http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

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  26. Aparna Sah7 अगस्त 2013 को 1:30 pm

    khubsurat gazal....sahaz abhiwyakti....

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  27. Aparna Bose10 सितंबर 2013 को 1:12 am

    मुहब्बत में जखम तो लाजमी है,
    दिवाने दिल को ये समझा रहा हूँ,
    bohat khoob

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  28. संजय भास्‍कर26 मार्च 2014 को 11:09 am

    क्या बात है अरुन जी बहोत खूब ।

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