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Wednesday, January 23, 2013

अदब से सिरों का झुकाना ख़तम

ख़ुशी का हँसी का ठिकाना ख़तम,
घरों में दियों का जलाना ख़तम,

बड़ों के कहे का नहीं मान है,  
अदब से सिरों का झुकाना ख़तम,

कहाँ हीर राँझा रहे आज कल,  
दिवानी ख़तम वो दिवाना ख़तम,

नियत डगमगाती सभी नारि पे,  
दिलों का सही दिल लगाना ख़तम,

गुनाहों कि आई हवा जोर से,  
शरम लाज का अब ज़माना खतम,

मुलाकात का तो समय ही नहीं,  
मनाना ख़तम रूठ जाना ख़तम,

जुबां पे नये गीत सजने लगे,
पुराना सुना हर तराना ख़तम.....

41 comments:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)January 23, 2013 at 11:18 AM

    सुन्दर प्रस्तुति!
    वरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:51 PM

      आभार आदरणीय शास्त्री सर

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  • दिगम्बर नासवाJanuary 23, 2013 at 11:59 AM

    बहुत खूब ... सामाजिक सरोकारों को लिए ... सार्थक गज़ल ...

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:52 PM

      शुक्रिया दिगम्बर सर

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  • Vibha Rani ShrivastavaJanuary 23, 2013 at 12:14 PM

    नियत डगमगाती सभी नारि पे,
    दिलों का सही दिल लगाना ख़तम

    जन्म से मरण तक भोगती नारी :((

    सामयिक सार्थक अभिव्यक्ति ....!!

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:52 PM

      आभार माँ जी

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  • madhu singhJanuary 23, 2013 at 12:25 PM

    सार्थक व सुन्दर प्रस्तुति,khatam ab n hogi koe bhi kahani,likhe jao har roj tum ak kahani

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:52 PM

      आदरणीया मधु जी धन्यवाद

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  • रविकरJanuary 23, 2013 at 12:41 PM

    एक एक पंक्ति पूरा इतिहास समेटे है-
    बधाई प्रिय अरुण ||

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:52 PM

      आदरणीय गुरुदेव श्री रविकर सर आभार

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  • suresh agarwal adhirJanuary 23, 2013 at 12:45 PM

    Bahut umda...Arun ji

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:53 PM

      सुरेश जी शुक्रिया

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  • Rajendra KumarJanuary 23, 2013 at 1:29 PM

    हमारे समाज के बदलते हालात पर सुन्दरतम ग़ज़ल।

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:53 PM

      राजेंद्र भाई आभार

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  • Virendra Kumar SharmaJanuary 23, 2013 at 1:49 PM

    हुआ प्रेम दैहिक यहाँ इस कदर ,

    वो चंदा वो तारों की बातें ख़त्म .

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:53 PM

      अनेक-अनेक धन्यवाद आदरणीय वीरेंद्र सर

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    Reply
  • संध्या शर्माJanuary 23, 2013 at 2:34 PM

    बहुत कुछ ख़तम हो चुका इस, दुनिया से... अब भी नहीं संभले तो वो दिन दूर नहीं जब हो जाएगी ये दुनिया ख़तम...लाजवाब रचना... शुभकामनायें

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:54 PM

      दीदी आभार स्नेह यूँ ही बनाये रखें

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    Reply
  • varun kumarJanuary 23, 2013 at 2:41 PM

    NICE

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:54 PM

      धन्यवाद वरुण भाई

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  • प्रसन्न वदन चतुर्वेदीJanuary 23, 2013 at 6:22 PM

    लाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:54 PM

      चतुर्वेदी सर आभार

      Delete
    Reply
  • प्रसन्न वदन चतुर्वेदीJanuary 23, 2013 at 6:25 PM

    लाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

    ReplyDelete
  • Shalini RastogiJanuary 23, 2013 at 6:36 PM

    कहाँ हीर राँझा रहे आज कल, दिवानी ख़तम वो दिवाना ख़तम.... आज के हालत को हू-ब-हू पेश करती गज़ल.... बहुत सुन्दर!

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:55 PM

      शालिनी जी शुक्रिया

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    Reply
  • Reena MauryaJanuary 23, 2013 at 9:26 PM

    एक- एक पंक्ति लाजवाब है...
    बहुत ही बढ़ियाँ और बेहतरीन गजल...
    :-)

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:55 PM

      रीना बहन आभार

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    Reply
  • दिलबाग विर्कJanuary 23, 2013 at 9:29 PM

    आपकी पोस्ट की चर्चा 24- 01- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें ।

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:56 PM

      भ्राताश्री धन्यवाद

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  • शालिनी कौशिकJanuary 24, 2013 at 12:06 AM

    बहुत सही बात कही है आपने करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
    आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:56 PM

      आभार आदरणीया दीदी जी

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    Reply
  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाJanuary 24, 2013 at 1:12 AM

    बहुत उम्दा ,,,लाजबाब गजल,,,,

    recent post: गुलामी का असर,,,

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:56 PM

      धीरेन्द्र सर धन्यवाद

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  • डॉ. मोनिका शर्माJanuary 24, 2013 at 6:29 AM

    Behtreen Panktiyan

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:56 PM

      डॉ. साहिबा शुक्रिया

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    Reply
  • डॉ. मोनिका शर्माJanuary 24, 2013 at 6:29 AM

    Behtreen Panktiyan

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  • Kalipad "Prasad"January 24, 2013 at 4:22 PM

    नियत डगमगाती सभी नारि पे,
    दिलों का सही दिल लगाना ख़तम
    सुन्दर प्रस्तुति!
    New post कृष्ण तुम मोडर्न बन जाओ !

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 24, 2013 at 5:57 PM

      आदरणीय प्रसाद सर आभार.

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    Reply
  • Virendra Kumar SharmaJanuary 24, 2013 at 5:56 PM

    शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  • Virendra Kumar SharmaJanuary 24, 2013 at 5:57 PM




    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे को हिंदू आतंकवाद पर उनकी टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंची है। सुषमा ने शिंदे को अपनी सीमाएं न लांघने की हिदायत देते हुए कहा कि कांग्रेस को लाभ पहुंचाने या भाजपा को नुकसान पहुंचाने की हद तक राजनीति की जा सकती है लेकिन इसे उस स्तर पर नहीं ले जाया जा सकता, जहां इससे राष्ट्रीय हित प्रभावित हों।

    लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा यहां जंतर मंतर पर एक विरोध रैली को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस मुद्दे पर माफी मांगें। उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए और शिंदे को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।" सुषमा ने शिंदे के सम्बंध में कहा, "आपने ऐसे समय में राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाई है, जब पाकिस्तान की ओर से हमारे सैनिकों के सिर कलम किए गए हैं। आप पाकिस्तान पर हमला नहीं कर रहे हैं लेकिन मुख्य विपक्षी दल पर हमला कर रहे हैं।"

    उन्होंने कहा, "आप दुनिया से क्या कहना चाहते हैं? क्या आप कहना चाहते हैं कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर हो सकते हैं लेकिन यहां मुख्य विपक्षी दल आतंकवादी शिविर चला रहा है! क्या आप कहना चाहते हैं कि आतंकवादी संसद में बैठे हैं? लोकसभा में विपक्ष की नेता एक आतंकवादी संगठन चला रही हैं?" गौरतलब है कि शिंदे ने जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान रविवार को कहा था, "भाजपा हो या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) उनके प्रशिक्षण शिविर हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।" शिंदे की इस टिप्पणी के खिलाफ भाजपा गुरुवार को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रही है।

    यह तो शुरुआत है प्रदर्शन ज़ारी रहेंगे .इस देश का स्वाभिमान मरा नहीं है अंधा राजा ,गूंगी रानी ,दिल्ली की अब यही कहानी .बदली जायेगी ये कहानी .

    बढ़िया प्रस्तुति .

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  • शारदा अरोराJanuary 24, 2013 at 8:06 PM

    ख़ुशी का हँसी का ठिकाना ख़तम,
    घरों में दियों का जलाना ख़तम,
    bahut badhiya..

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