पृष्ठ

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

रविवार, 20 जनवरी 2013

क्या खुदा भगवान आदम???

खो रहा पहचान आदम,
हो रहा शैतान आदम,


चोर मन ले फिर रहा है,  
कोयले की खान आदम,


नारि पे ताकत दिखाए,  
जंतु से हैवान आदम,


मौत आनी है समय पे,  
जान कर अंजान आदम,


सोंचता है सोंच नीची,  
बो रहा अपमान आदम,


मौज में सारे कुकर्मी,
क्या खुदा भगवान आदम???

24 टिप्‍पणियां:

  1. yashoda agrawal20 जनवरी 2013 को 2:48 pm

    आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 23/01/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:38 am

      धन्यवाद यशोदा दी

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • Vibha Rani Shrivastava20 जनवरी 2013 को 4:22 pm

    मौज में सारे कुकर्मी,
    क्या खुदा भगवान आदम

    सामयिक - सार्थक रचना
    शुभकामनायें !!

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:38 am

      आभार माँ जी

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’20 जनवरी 2013 को 4:51 pm

    वाह!
    आपकी यह प्रविष्टि को कल दिनांक 21-01-2013 को सोमवारीय चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:38 am

      अनेक-अनेक धन्यवाद ‘ग़ाफ़िल’सर

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • Rajendra Kumar20 जनवरी 2013 को 6:04 pm

    समाज के कुछ हैवानो के चलते मनुष्य की तुलना अब शैतानो से की जा रही है,यह सच है की अब आदमीयत दिन पर दिन कम होता जा रहा है। बहुत ही सार्थक प्रस्तुती।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:38 am

      राजेंद्र भाई शुक्रिया

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • शिवनाथ कुमार20 जनवरी 2013 को 8:48 pm

    मौज में सारे कुकर्मी,
    क्या खुदा भगवान आदम???

    बहुत खूब , सुन्दर ,,,

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:39 am

      आभार मित्रवर

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • madhu singh20 जनवरी 2013 को 9:33 pm

    SAMSAMYEEK SANDARH KO UKERTI PRASTUTI

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:39 am

      आदरणीया मधु जी धन्यवाद

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • डॉ. मोनिका शर्मा21 जनवरी 2013 को 6:15 am

    खो रहा पहचान आदम,
    हो रहा शैतान आदम,

    सटीक पंक्तियाँ

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:40 am

      आदरणीया मोनिका जी आभार

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • डॉ. मोनिका शर्मा21 जनवरी 2013 को 6:16 am

    सटीक पंक्तियाँ

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)21 जनवरी 2013 को 7:55 am

    वाह, छोटी सी गज़ल में इतनी बड़ी बात !!!

    सभ्यता विकसित हुई यूँ
    खो रहा मुस्कान आदम

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:40 am

      आदरणीय गुरुदेव श्री आप आये बहार आई स्नेह यूँ ही बनाये रखें.

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • madhu singh21 जनवरी 2013 को 8:17 am

    सार्थक और बेहतरीन रचना.... क्या खुदा भगवान आदम

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)21 जनवरी 2013 को 10:51 am

    बहुत सही लिखा आपने!
    आदमी में आदमीयत खत्म होती जा रही है।

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा "अनंत"21 जनवरी 2013 को 11:41 am

      आदरणीय शास्त्री सर आपकी टिपण्णी ह्रदय में उर्जा प्रवाहित करती है, आशीष यूँ ही बनाये रखें. सादर

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • संध्या शर्मा21 जनवरी 2013 को 3:46 pm

    सचमुच आदमी इंसानियत भूल चुका है, इंसान से शैतान बन गया है... सटीक अभिव्यक्ति

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • Reena Maurya21 जनवरी 2013 को 5:59 pm

    सच को कहती बेहतरीन रचना।।।
    :-)

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • दिगम्बर नासवा23 जनवरी 2013 को 12:01 pm

    ग़ालिब का एक शेर याद आ गया ...
    मौत का एक दिन मुऐयन है ... नींद क्यों रात भर नहीं आती ....

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • Anju (Anu) Chaudhary23 जनवरी 2013 को 7:38 pm

    बेवजह नारी पर अपनी ताकत दिखाने वाले ....इंसान कब रहते है
    वो जानवर से भी बदतर हो जाते हैं

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • टिप्पणी जोड़ें
    अधिक लोड करें...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर