Pages

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Friday, December 7, 2012

कुछ हाइकु

मित्र मित्रता
शिव भोले श्री राम
सत्य सत्यता

गंगा स्नान
सुन्दर हो विचार
अंतर ध्यान

व्याकुल मन
अशांत सरोवर
राम भजन

कर्म प्रधान
सम्पूर्ण परमात्मा
आत्म सम्मान

भीषण ज्वर
होनी हो अनहोनी
श्री गिरधर

गीता का सार
लोक व परलोक
 जीत में हार

जग कल्याण
ब्रम्हा - विष्णु - महेश
आत्मा है प्राण 

12 comments:

  1. सदाDecember 7, 2012 at 12:21 PM

    वाह ... बहुत बढिया।

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 7, 2012 at 12:36 PM

      बहुत-2 शुक्रिया सदा दी

      Delete
    Reply
  • Rohitas ghorelaDecember 7, 2012 at 1:58 PM

    गजब के हाइकू

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 7, 2012 at 2:08 PM

      बहुत-2 शुक्रिया रोहित भाई

      Delete
    Reply
  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाDecember 7, 2012 at 6:55 PM

    वाह,,,लाजबाब हाइकू,,,,

    recent post: बात न करो,

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 11:29 AM

      शुक्रिया धीरेन्द्र सर

      Delete
    Reply
  • अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)December 7, 2012 at 7:20 PM

    ऐसे हाइकू
    कैसे रच लेते हो
    अरुण शर्मा |

    जब भी पढ़ूँ
    हृदय आनंदित
    होता बहुत |

    कविता है क्या
    सत्यं शिवं सुंदरं
    का एक रूप |

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 11:30 AM

      आदरणीय अरुण सर जैसा आपका लिखते है वैसा कोई भी नहीं लिखता आपकी रचनाएँ मुझे बेहद प्रभावित करती हैं.

      Delete
    Reply
  • दिगम्बर नासवाDecember 8, 2012 at 3:41 PM

    बहुत खूब .. तुक मिलते हुवे हाइकू कम ही मिलते हैं पढ़ने को ...
    लाजवाब ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 3:46 PM

      बहुत-2 शुक्रिया दिगम्बर सर

      Delete
    Reply
  • Reena MauryaDecember 8, 2012 at 8:58 PM

    गजलों के उस्ताद हैं ही आप .
    अब हाइकु में भी जम गए है सर जी..
    बहुत बढियां...
    शुभकामनाएं...
    :-)

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 9, 2012 at 12:08 PM

      आभार रीना जी

      Delete
    Reply
Add comment
Load more...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर