Pages

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Thursday, December 6, 2012

प्यार से तस्वीर मेरी पोंछना आंसू बहाके

प्यार से तस्वीर मेरी, पोंछना आंसू बहाके।
शीश खटिये पे टिकाकर, सोंचना आंसू बहाके।।

चैन से जी भी न पाये,चैन से मर भी न पाये।
याद के टुकड़े पुराने, नोंचना आंसू बहाके।।

इस कदर मेरी मुहब्बत, कर गई बर्बाद उसको।
नाम लिख मेरा हँथेली, गोंचना आंसू बहाके।।

जब कभी मेरी कमी खलती, उसे है खामखा तब।
दर्द में दुखती रगों को कोंचना आंसू बहाके।।

जख्म से मजबूर होके, घाव ले जीती रही।
क्या करे तकदीर को है, कोसना आंसू बहाके।।

चाँद से हो खूबसूरत, जब कभी उसको कहूँ मैं।
शर्म से फिर मुस्कुराना, रोकना आंसू बहाके।।

18 comments:

  1. Rohitas ghorelaDecember 6, 2012 at 1:35 PM

    एक बेहतरीन गज़ल की रचना की है भाई साहब आपने ... मेरे भी दो शेर साँझा करना चाहता हूँ...

    विरह में दर्द जब हद अपनी पार करे
    सिसक-सिसक कर बोलना आंसू बहाके.

    थोड़े से दर्द में भी आंसू चले आते है,इसी आड़ में
    वो तेरा जानलेवा दर्द छुपाना आंसू बहाके.

    आप मेरे ब्लॉग पर पधारे,आपका कोटि कोटि आभार !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 5:32 PM

      बहुत - शुक्रिया मित्र रोहित

      Delete
    Reply
  • Virendra Kumar SharmaDecember 6, 2012 at 2:19 PM



    इस कदर मेरी मुहब्बत, कर गई बर्बाद उसको।
    नाम लिख मेरा हँथेली, गोंचना आंसू बहा

    बेहतरीन अंदाज़ की गजल है पिक्चर परफेक्ट .

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 5:33 PM

      तहे दिल से आभार वीरेंद्र सर

      Delete
    Reply
  • रविकरDecember 6, 2012 at 2:41 PM

    आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 5:34 PM

      बहुत-2 शुक्रिया आदरणीय रविकर सर

      Delete
    Reply
  • सदाDecember 6, 2012 at 2:59 PM

    वाह ... बेहतरीन प्रस्‍तुति

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 5:34 PM

      शुक्रिया सदा दी

      Delete
    Reply
  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाDecember 6, 2012 at 8:32 PM

    इक हूक़ सी दिल में उठती है इक दर्द जिगर में होता है.
    मै रात को उठ कर रोता हूँ जब सारा आलम सोता है,,,


    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 7, 2012 at 11:08 AM

      शुक्रिया धीरेन्द्र सर

      Delete
    Reply
  • Amit ChandraDecember 6, 2012 at 9:23 PM

    बहुत खुब. शानदार गज़ल.

    ReplyDelete
    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 7, 2012 at 11:09 AM

      धन्यवाद अमित जी

      Delete
    Reply
  • संजय भास्करDecember 8, 2012 at 8:51 AM

    बेहतरीन गज़ल...है अरुण जी
    जवाब नहीं आपका

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 11:27 AM

      अनेक-2 धन्यवाद संजय भाई सराहना व हौंसला आफजाई हेतु

      Delete
    Reply
  • दिगम्बर नासवाDecember 8, 2012 at 3:42 PM

    इस कदर मेरी मुहब्बत, कर गई बर्बाद उसको।
    नाम लिख मेरा हँथेली, गोंचना आंसू बहाके ..

    क्या बात है ... कमाल का शेर है इस गज़ल का ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 3:52 PM

      अनेक-2 धन्यवाद दिगम्बर सर

      Delete
    Reply
  • Reena MauryaDecember 8, 2012 at 9:00 PM

    बहुत बढियां ...
    संवेदनशील गजल है...
    बेहतरीन शेर...

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 9, 2012 at 12:08 PM

      शुक्रिया रीना जी

      Delete
    Reply
Add comment
Load more...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर