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Monday, December 3, 2012

कुछ - हाइकु

पराया धन
बढ़ाता परेशानी
मन में चिंता 

बुरी नज़र
जलाती तिल तिल
प्रेम संसार

क्रोधित मन
समझता कब है
अपनी भूल

ज्ञानी ह्रदय
बड़ा शांत स्वभावी
प्रकृति जैसा

फूल के पीछे
पड़ी हवा दिवानी
भौंरा पागल

शाम - सबेरे
है ठण्ड झकझोरे
शीत ऋतु की 

घूमा मंदिर
भगवान को पाया
मन भीतर

माँ की ममता
अथाह पारावार
पार न पाए

18 comments:

  1. आमिर दुबईDecember 3, 2012 at 5:43 PM

    सब एक से बढ़कर एक हैं हाइकु। बहुत सुन्दर।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:33 AM

      शुक्रिया आमिर भाई

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  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाDecember 3, 2012 at 10:21 PM

    बहुत खूब सुंदर हाइकू,,,,अरुन जी बहुत अच्छा प्रयास,,,बधाई,,

    recent post: बात न करो,

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:34 AM

      शुक्रिया धीरेन्द्र सर

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  • सदाDecember 4, 2012 at 10:09 AM

    मां की ममता

    अथाह पारावार

    पार न पाये

    बहुत ही बढिया हाइकू ... सभी एक से बढ़कर एक

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:34 AM

      शुक्रिया सदा दी

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  • रश्मिDecember 4, 2012 at 1:15 PM

    सुंदर भाव

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:34 AM

      शुक्रिया रश्मि दी

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  • Reena MauryaDecember 4, 2012 at 2:45 PM

    बहुत ही बढ़ियाँ हाइकु
    बेस्ट है :-)
    :-)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:35 AM

      शुक्रिया रीना जी

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  • Anupama TripathiDecember 4, 2012 at 6:24 PM

    सुंदर हाइकु ...
    शुभकामनायें ...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:35 AM

      शुक्रिया अनुपमा दी

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  • Rohitas ghorelaDecember 6, 2012 at 1:42 PM

    फूल के पीछे
    पड़ी हवा दीवानी
    भौंरा पागल.

    बेहद उम्दा हाइकु. :)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 5:47 PM

      आभार रोहित भाई

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  • संजय भास्करDecember 8, 2012 at 8:48 AM

    सुंदर हाइकु ......भाई साहब

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 11:27 AM

      शुक्रिया संजय भाई

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  • दिगम्बर नासवाDecember 8, 2012 at 3:42 PM

    भावमय हैं सभी हाइकू ...

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 3:45 PM

      शुक्रिया दिगम्बर सर

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