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Monday, December 31, 2012

जब बुढ़ापे का - खुदा दे के सहारा छीने

ओ. बी. ओ. तरही मुशायरा अंक ३० में शामिल मेरी दूसरी ग़ज़ल

मौत को दूर, मुसीबत बेअसर करती है,
गर दुआ प्यार भरी, साथ सफ़र करती है,

जान लेवा ये तेरी, शोख़ अदा है कातिल,
वार पे वार, कई बार नज़र करती है,

देख के तुम न डरो, तेज हवा का झोंका,
राज की बात हवा, दिल को खबर करती है,

फासले बीच भले, लाख रहे हों हरदम,
फैसला प्यार का, तकदीर मगर करती है,

जख्म से दर्द मिले, पीर मिले चाहत से,
प्यार की मार सदा, घाव जबर करती है,

जब बुढ़ापे का, खुदा दे के सहारा छीने,
रात अंगारों के, बिस्तर पे बसर करती है...

23 comments:

  1. Rajendra KumarDecember 31, 2012 at 5:24 PM

    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती। भगवान न करे किसी का बुढ़ापे का सहारा छीन जाय।नवबर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
    राजेन्द्र ब्लॉग
    वेब मीडिया
    भूली -बिसरी यादें

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:18 PM

      आभार आदरणीया राजेंद्र कुमार जी

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  • रजनीश के झा (Rajneesh K Jha)December 31, 2012 at 5:42 PM

    प्रभावी लेखन,
    जारी रहें,
    बधाई !!

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    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:18 PM

      शुक्रिया आदरणीया रजनीश जी

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  • Aamir DubaiDecember 31, 2012 at 6:24 PM

    देख के तुम न डरो, तेज हवा का झोंका,
    राज की बात हवा, दिल को खबर करती है,
    शानदार शेर , के साथ नए साल की मुबारक बाद कबूल करें।

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:18 PM

      शुक्रिया भाई जान आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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  • संजय भास्करDecember 31, 2012 at 9:49 PM

    सुन्दर प्रस्तुति
    नव वर्ष पर बधाइयाँ !!

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:19 PM

      संजय भाई नमस्कार आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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  • Kailash SharmaDecember 31, 2012 at 10:13 PM

    बेहतरीन ग़ज़ल..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:19 PM

      अनेक-२ धन्यवाद आदरणीय कैलाश सर आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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  • संध्या शर्माDecember 31, 2012 at 11:30 PM

    प्रतीक्षा है सूर्योदय की... नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ....

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:19 PM

      आभार संध्या दी आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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  • Reena MauryaDecember 31, 2012 at 11:39 PM

    जब बुढ़ापे का, खुदा दे के सहारा छीने,
    रात अंगारों के, बिस्तर पे बसर करती है...
    भावपूर्ण गजल..
    आपको सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...
    :-)

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:19 PM

      शुक्रिया रीना जी आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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  • विनोद सैनीJanuary 1, 2013 at 7:57 AM

    नया साल मुबारक हो

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:20 PM

      विनोद भाई आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाJanuary 1, 2013 at 8:10 AM

    बहुत उम्दा.बेहतरीन श्रृजन,,,,
    नए साल 2013 की हार्दिक शुभकामनाएँ|
    ==========================
    recent post - किस्मत हिन्दुस्तान की,

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    Replies
    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:20 PM

      आभार धीरेन्द्र सर आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

      Delete
    Reply
  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाJanuary 1, 2013 at 8:16 AM

    बहुत उम्दा.बेहतरीन श्रृजन,,,,
    नए साल 2013 की हार्दिक शुभकामनाएँ|
    ==========================
    recent post - किस्मत हिन्दुस्तान की,

    ReplyDelete
  • रविकरJanuary 1, 2013 at 3:30 PM

    मंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
    आस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।

    बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
    शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।

    रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
    सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"January 4, 2013 at 12:21 PM

      आदरणीय रविकर नमस्कार आप आये टिप्पणियों की बहार लाये अनेक-२ धन्यवाद, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.

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    Reply
  • Rohitas ghorelaJanuary 9, 2013 at 7:50 PM

    कमेंट में देरी करने की क्षमा चाहता हूँ ..
    मैं आपके ब्लॉग पर आता तो हूँ पर समय की किल्लत रहते कमेंट नहीं कर पाता हूँ ...

    लास्ट वाले शेर में कितना दर्द भर आया है ...सारी गजल काबिले-तारीफ़ है

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  • sandeep patelFebruary 22, 2013 at 3:20 PM

    waah bhai saahab waah kya baat hai

    मौत को दूर, मुसीबत बेअसर करती है,
    गर दुआ प्यार भरी, साथ सफ़र करती है,

    जान लेवा ये तेरी, शोख़ अदा है कातिल,
    वार पे वार, कई बार नज़र करती है,

    laajwaab badhaai ho

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