


Sunday, December 2, 2012
दूरियां हों लाख - याद है जाती नहीं

20 comments:
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आमिर दुबई 2692December 3, 2012 at 10:51 AM
इस उम्र में ये जज़्बात ? वाह क्या बात है। जिन्दगी में थपेड़ों में उलझकर ,तन्हाई और अकेलापन जब कलम थमा दे तब जाकर जज़्बात को लिख पाने के हौंसले मिला करते हैं।
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मोहब्बत नामा
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"अनंत" अरुन शर्माDecember 3, 2012 at 11:44 AM
शुक्रिया मेहरबानी आमिर भाई हौंसला आफजाई के लिए.
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Virendra Kumar SharmaDecember 3, 2012 at 1:05 PM
इक दफा दिल पे कभी, जो राज कोई कर गया।
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दूरियां हों लाख चाहे, याद फिर जाती नहीं।।
हकीकत है ज़िन्दगी की अब कहो तो कहलो इसे पहला पहला प्यार था -खूब, बहुत खूब अशआर लाये हो जान !
उसको न ढूंढ सका कोई नैट ऑरकुट ,
दिनरात ओढ़ा था जिसे ,वह पहला प्यार था .
कोई पता न ठौर उसका आज तक मिला ,
ताउम्र है ढूंढ़ा किया ,वह पहला प्यार था .Replies-
"अनंत" अरुन शर्माDecember 3, 2012 at 1:40 PM
आदरणीय वीरेन्द्र सर आपको प्रेरणादाई टिप्पणियों हेतु अनेक-2 धन्यवाद
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रविकरDecember 3, 2012 at 4:42 PM
कहाँ है हाइकू ??
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"अनंत" अरुन शर्माDecember 3, 2012 at 5:28 PM
रविकर सर पोस्ट हट गई थी फिर से पोस्ट कर दी है
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संध्या शर्माDecember 3, 2012 at 5:01 PM
दूरियां हों लाख - याद है जाती नहीं ...
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बहुत खूबसूरत रचना...Replies-
"अनंत" अरुन शर्माDecember 3, 2012 at 5:29 PM
शुक्रिया संध्या जी
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Reena MauryaDecember 4, 2012 at 2:49 PM
बहुत ही बेहतरीन गजल....
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बहुत बढ़ियाँ...
:-)Replies-
"अनंत" अरुन शर्माDecember 6, 2012 at 11:34 AM
शुक्रिया रीना जी
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दिगम्बर नासवाDecember 8, 2012 at 3:43 PM
जख्म गर नासूर बनके, जिस्म को छलनी करे।
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मौत है ये जिंदगी, जो मौत कहलाती नहीं।।
वाह ... कितनी गहरी बात कह दी ... नौत है पर कहलाती नहीं .. सच कहा है ..Replies-
अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 3:53 PM
अनेक-2 धन्यवाद दिगम्बर सर
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यह जुबाँ कहती जुबानी, है जवानी ढाल पर ।
ReplyDeleteक्या करें शिकवा शिकायत, खुश दिखूं बदहाल पर ।
वापसी मुश्किल तुम्हारी, जानते हैं तथ्य दोनों
कौन किसकी इन्तजारी कर सका है साल भर ???
अति सुन्दर रविकर सर वाह क्या बात है शुक्रिया मेहरबानी
Deleteसभी लाइन बढ़िया पर ये ख़ास लगी .....!!
ReplyDeleteनाज तेरी मैं वफ़ा पे, रात दिन करता रहा।
बेवफा तेरी कहानी पर, जुबाँ गाती नहीं।।
........उम्दा प्रस्तुति अरुण जी
शुक्रिया संजय भाई
Deleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
ReplyDeleteशामिल करने हेतु अनेक-2 धन्यवाद रविकर सर
Deleteवाह..
ReplyDeleteबहुत अच्छी गज़ल अरुण....
अनु
शुक्रिया अनु जी
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