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Saturday, December 1, 2012

छलके -अंजु बूंद

छलके जब-जब अंजु, बूंद तब-तब,
तेरी सूरत लिए, निगाह निकली,

आई तेरी याद, जब एकाएक,
मेरे दिल में दर्द, आह निकली,

नामुमकिन तुझको, हुआ भुलाना,
तेरी इतनी यार, चाह निकली,
 
यूँ बेचैनी - बेबसी बढ़ी की,
पीड़ा हर पल छिन,अथाह निकली,

कातिल तेरी जब, हुई मुहब्बत,
हर धड़कन मेरी, गवाह निकली.

अंजु - आँसू 

14 comments:

  1. सदाDecember 1, 2012 at 11:27 AM

    वाह ... बहुत ही बढिया।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 1, 2012 at 11:28 AM

      शुक्रिया सदा दी

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  • रविकरDecember 1, 2012 at 11:56 AM

    बहुत बढ़िया प्रस्तुति |
    बधाई भाई जी ||

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 1, 2012 at 12:02 PM

      अनेक-अनेक धन्यवाद रविकर सर

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    Reply
  • Virendra Kumar SharmaDecember 1, 2012 at 12:30 PM

    अनंत भाई बढ़िया रचना है .

    छलके -अंजु बूंद
    छलके जब-जब अंजु, बूंद तब-तब,
    तेरी सूरत लिए, निगाह निकली,

    अंजू प्रयुक्त होता है आँसू के लिए अंजु नहीं .लोकप्रिय ब्लोगों पर गया वहां आपने परिचय में वहज लिख दिया है वजह को ,जिसमें लिखें जिसमे को जो वहां कई जगह लिखा गया है .आप बहुत अच्छा लिख रहें हैं .नए शब्द प्रयोग ला रहें हैं .शब्द कोष संजोये अधिकाधिक अंजू शब्द मैंने खुद अभी अभी

    Oxford HINDI -ENGLISH Dictionary (OXFORD UNIVERSITY PRESS )

    से देखा है .पृष्ठ 4 ,अप्रेल 2010 संस्करण .

    OXFORD ENGLISH -ENGLISH -HINDI Dictionary ,
    ENCARTA CONCISE ENGLISH DICTIONARY /BLOOMSBURY/Microsoft ENCARTA आप खरीदें .यकीन मान लो मेरे पास शब्द कोशों को बढ़िया संग्रह है राजपाल एंड संस ,एस .चंद एंड कम्पनी लिमिटिड ,सहानी ब्रदर्स ,विद्या पब्लिकेशन ,...अंग्रेजी -अंग्रेजी ,हर विषय की भी शब्द कोष हैं .आप युवा हैं रखिये इन्हें अपना बनाइये शब्द कोशों को .आबाद रहो लेखन में .

    ReplyDelete
  • Virendra Kumar SharmaDecember 1, 2012 at 12:31 PM

    अनंत भाई बढ़िया रचना है .

    छलके -अंजु बूंद
    छलके जब-जब अंजु, बूंद तब-तब,
    तेरी सूरत लिए, निगाह निकली,

    अंजू प्रयुक्त होता है आँसू के लिए अंजु नहीं .लोकप्रिय ब्लोगों पर गया वहां आपने परिचय में वहज लिख दिया है वजह को ,जिसमें लिखें जिसमे को जो वहां कई जगह लिखा गया है .आप बहुत अच्छा लिख रहें हैं .नए शब्द प्रयोग ला रहें हैं .शब्द कोष संजोये अधिकाधिक अंजू शब्द मैंने खुद अभी अभी

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    से देखा है .पृष्ठ 4 ,अप्रेल 2010 संस्करण .

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 1, 2012 at 12:47 PM

      आदरणीय वीरेंद्र सर इस उम्दा जानकारी हेतु आपको अनेक-2 धन्यवाद, सर मुझे मालुम था की अंजू होता है सिर्फ मात्रा को ध्यान में रखते हुए अंजु लिख दिया, खैर मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा क्यूंकि आपने हमेशा मुझे अच्छा और अच्छा बना रहे हैं, काफी कुछ सुधार महसूस करता हूँ खुदमें जिसका श्रेय आपको जाता है, ह्रदय के अन्तःस्थल से धन्यवाद आपका।

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    Reply
  • Rohitas ghorelaDecember 2, 2012 at 10:14 AM

    सारी की सारी गज़ल बड़ी ही गजब की हैं ...ये गजल मुझे इतनी अच्छी लगी की मैं अब तक इसे कम से कम 10 बार पढ़ चूका हूँ ...
    सप्रेम आभार !!

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 2, 2012 at 10:48 AM

      तहे दिल से आभार मित्र रोहित, आपकी सराहना सर आँखों पर हौंसला आफजाई हेतु अनेक-2 धन्यवाद

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    Reply
  • संजय भास्करDecember 2, 2012 at 4:22 PM

    Thanks for writing in such an encouraging post.

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    1. "अनंत" अरुन शर्माDecember 3, 2012 at 11:45 AM

      Thanks to you brother for putting your valuable comments.

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  • Virendra Kumar SharmaDecember 3, 2012 at 1:13 PM

    इक दफा दिल पे कभी, जो राज कोई कर गया।
    दूरियां हों लाख चाहे, याद फिर जाती नहीं।।

    हकीकत है ज़िन्दगी की अब कहो तो कहलो इसे पहला पहला प्यार था -खूब, बहुत खूब अशआर लाये हो जान !

    उसको न ढूंढ सका कोई नैट ऑरकुट ,

    दिनरात ओढ़ा था जिसे ,वह पहला प्यार था .

    कोई पता न ठौर उसका आज तक मिला ,

    ताउम्र है ढूंढ़ा किया ,वह पहला प्यार था .

    हाँ अनंत भाई मात्राएँ और लय /गेयता /मीटर को पूरा करने के लिए शायर को छूट होती है कम ज्यादा करने की आगे बढ़ने के लिए यह खुला पन यह सीखने का भाव बहुत ज़रूरी है .आप लम्बी रेस के घोड़े हैं .

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  • दिगम्बर नासवाDecember 8, 2012 at 3:44 PM

    वाह वाह .... बया बात है अरुण जी ...

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 8, 2012 at 3:54 PM

      शुक्रिया सर

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