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Saturday, November 3, 2012

उसकी दुश्मनी, उसकी रिश्तेदारी,

कैसी आई समस्या, पाली कैसी बीमारी,
उसकी मुझसे दुश्मनी, उसकी दिल से रिश्तेदारी,

भीगी-भीगी दास्ताँ, कहती आँखें हैं जागी-जागी,
जिन्दा आफत धडकनों में, साँसों में मारामारी,

जर्जर मेरी काफिया, आवारा पागल मैं कातिब,
पेंचीदा मेरी ग़ज़ल है, आदत मेरी सरकारी,

दुर्भाग्य पूर्ण दर्द है, फंसी जिसमे है नारी,
मारी गुड़िया पेट में, तो कैसे गूंजे किलकारी,

अनजाने गम की खलिश, मुझमे सदियों से है कायम,
गमदीदा मेरी मुहब्बत, तेरी फितरत से हारी.


कातिब - लेखक

16 comments:

  1. Rohitas ghorelaNovember 3, 2012 at 2:03 PM

    2 और 3 नम्बर के शेर तो पढ़ते नही थकता मैं ...

    आज एक बार फिर से कह रहा हूँ की लिखते रहिएगा आपकी पोस्ट पढ़ने में बड़ा मज़ा आता है।

    :)

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 3, 2012 at 2:06 PM

      बहुत-2 शुक्रिया मित्र बस इसी तरह के सहयोग और स्नेह की आवश्यकता रहेगी।

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  • dheerendra bhadauriyaNovember 3, 2012 at 5:25 PM

    बहुत खूब,,,अरुनजी,,,बस इसी लिखते रहिये, सस्नेह शुभकामनाये,,,

    RECENT POST : समय की पुकार है,

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 3, 2012 at 5:31 PM

      तहे दिल से शुक्रिया धीरेन्द्र सर

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  • रविकरNovember 3, 2012 at 5:50 PM

    उत्कृष्ट प्रस्तुति रविवार के चर्चा मंच पर ।।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 4, 2012 at 11:07 AM

      तहे दिल से आभार सर

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  • Reena MauryaNovember 4, 2012 at 8:50 AM

    बहुत बेहतरीन
    भावपूर्ण गजल....

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 4, 2012 at 11:07 AM

      धन्यवाद रीना जी

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  • Virendra Kumar SharmaNovember 4, 2012 at 10:44 PM


    दुर्भाग्य पूर्ण दर्द है, फंसी जिसमे है नारी,
    मारी गुड़िया पेट में, तो कैसे गूंजे किलका

    खूब उभारा है विरोधाभास को ,तीव्र एहसास को इस गजल में आपने .बहुत सुन्दर कही है पूरी गजल .

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 5, 2012 at 11:15 AM

      तहे दिल से धन्यवाद वीरेंद्र सर

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  • smNovember 5, 2012 at 12:44 AM

    बहुत बेहतरीन

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 5, 2012 at 11:15 AM

      शुक्रिया सर

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  • shaliniNovember 5, 2012 at 4:22 PM

    भावपूर्ण गज़ल..बहुत सुन्दर!

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 5, 2012 at 4:24 PM

      बहुत-2 शुक्रिया शालिनी जी.

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  • Kailash SharmaNovember 6, 2012 at 2:09 PM

    कैसी आई समस्या, पाली कैसी बीमारी,
    उसकी मुझसे दुश्मनी, उसकी दिल से रिश्तेदारी,

    ....बहुत खूब! बेहतरीन गज़ल...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 7, 2012 at 11:46 AM

      धन्यवाद कैलाश सर

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