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Wednesday, November 21, 2012

जला है दिल "अरुन" का

नज़र में रात पार हो तो हो रहे, तो हो रहे,
नसीबा चूर यार हो तो हो रहे, तो हो रहे,

बजी है धुन गिटार की, लगा है मन को रोग फिर,
जो टूटा प्रेम तार हो तो हो रहे, तो हो रहे,

सबेरे-शाम-रात-दिन है, याद तेरी साथ बस
यही अगर जो प्‍यार  हो तो हो रहे, तो हो रहे,

नहीं हुआ है दर्द कम, दवा भी ली दुआ भी की,
ये ज़ख्‍़म बार-बार हो तो हो रहे, तो हो रहे,

जला है दिल "अरुन" का, कुछ इस तरह से दोस्तों,
जलन ये जोरदार हो तो हो रहे, तो हो रहे.....
 
ये ग़ज़ल मैंने पंकज सुबीर सर के ब्लॉग के लिए लिखी थी, कुछ त्रुटियाँ थीं परन्तु पंकज सर नें त्रुटियों को संशोधित कर दिया है।
 
 

18 comments:

  1. धीरेन्द्र सिंह भदौरियाNovember 21, 2012 at 4:01 PM

    वाह,,बहुत खूब अरुन जी,,

    अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नही,
    तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी,,,

    recent post...: अपने साये में जीने दो.

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 21, 2012 at 5:45 PM

      अनेक-2 धन्यवाद धीरेन्द्र सर

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  • Virendra Kumar SharmaNovember 21, 2012 at 5:44 PM

    बहुत बढ़िया लिखी है गजल आपने .आपकी सबसे बड़ी ताकत सहजता है सीखने की लग्न है .तरक्की करोगे .सलाम आपके इस ज़ज्बे को .

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 22, 2012 at 10:38 AM

      आदरणीय वीरेंद्र सर अपना आशीष यूँ ही बनाये रखें शुक्रिया

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  • रविकरNovember 21, 2012 at 6:46 PM

    उत्कृष्ट प्रस्तुति |
    बधाई स्वीकारें ||

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 22, 2012 at 10:38 AM

      तहे दिल से आभार रविकर सर

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  • Rohitas ghorelaNovember 21, 2012 at 8:09 PM

    लिखने की एक उम्दा कला से सुसज्जित पोस्ट वाकई बहुत ही अच्छी लगी।

    अंतिम वाला तो बेहद खूब है।

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 22, 2012 at 10:39 AM

      शुक्रिया मित्र रोहित

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  • महेन्द्र श्रीवास्तवNovember 22, 2012 at 11:33 AM

    बहुत सुंदर, क्या बात

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 22, 2012 at 12:49 PM

      बहुत-2 शुक्रिया महेंद्र सर

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  • सदाNovember 22, 2012 at 1:01 PM

    वाह .. हमेशा की तरह लाजवाब करती पोस्‍ट ...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 22, 2012 at 4:51 PM

      बहुत-2 शुक्रिया सदा दीदी

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  • शारदा अरोराNovember 22, 2012 at 3:56 PM

    badhiya lagi gazal...

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 22, 2012 at 4:52 PM

      शुक्रिया आदरणीया शारदा जी

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  • Rajesh KumariNovember 22, 2012 at 11:48 PM

    प्रिय अरुण इस ग़ज़ल को पढ़ कर मजा आया कुछ अलग ही है दो बार पढ़ी बहुत बहुत बधाई

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    1. "अनंत" अरुन शर्माNovember 23, 2012 at 10:44 AM

      आदरणीया राजेश कुमारी जी आपका तहे दिल से आभार यह कह कर आपने मेरा दिन बना दिया कोटि-2 धन्यवाद

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  • संजय भास्करNovember 23, 2012 at 7:34 PM

    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ बहुत बहुत बधाई...बढ़िया लिखी है गजल

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  • Reena MauryaNovember 23, 2012 at 7:53 PM

    बहुत अच्छी है यह गजल..

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