वादों में हैं दरारें, टूटी है कसम,
जख्मों से जख्म खाके, जख्मी हैं जखम,
यादों के संग है अश्कों का सैलाब,
बहकी-२ हवा है, बहंकें हैं कदम,
उमीदों का गलीचा, नम है ग़मगीन,
कातिल, बेवफा है दुश्मन मेरा सनम,
धड़कन की ये उदासी, अब है दिन रात,
लाखों की भीड़ में दहशत है हर कदम,
मेरे लिए था खुदा से बढ़कर ये इश्क,
समझा जब प्यार तो टूटा मेरा भरम.
जख्मों से जख्म खाके, जख्मी हैं जखम,
यादों के संग है अश्कों का सैलाब,
बहकी-२ हवा है, बहंकें हैं कदम,
उमीदों का गलीचा, नम है ग़मगीन,
कातिल, बेवफा है दुश्मन मेरा सनम,
धड़कन की ये उदासी, अब है दिन रात,
लाखों की भीड़ में दहशत है हर कदम,
मेरे लिए था खुदा से बढ़कर ये इश्क,
समझा जब प्यार तो टूटा मेरा भरम.
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