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Saturday, August 25, 2012

सीने पर से हांथों को, जो मैं हटा लूँ.......

खुशियाँ सारी तेरी, दिक्कत मैं उठा लूँ,
चाहत के लिए इतना, साहस मैं जुटा लूँ,

पूजा तुझको मैंने, माना है खुदा भी,
मंदिर है दिल में तुझको, आ मैं बिठा लूँ,

मांगी है रब से, खुशियाँ तेरी दुआ में,
तेरे गम सारे खुद पे, खुद मैं लुटा लूँ,

ख्वाइश हो ना पायी, पूरी जिंदगी की,
बाहों में तेरी दो पल, ही मैं बिता लूँ,

चलते-चलते थम ना जाएँ, धडकनें ये,
सीने पर से हांथों को, जो मैं हटा लूँ......

2 comments:

  1. दिगम्बर नासवाAugust 29, 2012 at 3:18 PM

    पूजा तुझको मैंने, माना है खुदा भी,
    मंदिर है दिल में तुझको, आ मैं बिठा लूँ, ...

    वो तो वैसे ही खुदा है दिल के ... मांडिल में रहें या नहीं क्या फर्क पड़ता है ... लाजवाब ...

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  2. अरुन शर्माAugust 30, 2012 at 12:11 PM

    आदरणीय तहे दिल से शुक्रिया आशीर्वाद के लिए

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