खुशियाँ सारी तेरी, दिक्कत मैं उठा लूँ,
चाहत के लिए इतना, साहस मैं जुटा लूँ,
पूजा तुझको मैंने, माना है खुदा भी,
मंदिर है दिल में तुझको, आ मैं बिठा लूँ,
मांगी है रब से, खुशियाँ तेरी दुआ में,
तेरे गम सारे खुद पे, खुद मैं लुटा लूँ,
ख्वाइश हो ना पायी, पूरी जिंदगी की,
बाहों में तेरी दो पल, ही मैं बिता लूँ,
चलते-चलते थम ना जाएँ, धडकनें ये,
सीने पर से हांथों को, जो मैं हटा लूँ......
पूजा तुझको मैंने, माना है खुदा भी,
ReplyDeleteमंदिर है दिल में तुझको, आ मैं बिठा लूँ, ...
वो तो वैसे ही खुदा है दिल के ... मांडिल में रहें या नहीं क्या फर्क पड़ता है ... लाजवाब ...
आदरणीय तहे दिल से शुक्रिया आशीर्वाद के लिए
ReplyDelete