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Wednesday, August 1, 2012

राह वो पगली बदलती नहीं

आह जो दिल से मेरे निकलती नहीं,
राह वो पगली शायद बदलती नहीं,

रोज़ मरता हूँ, जीता हूँ कभी-कभी,
हाल देख कर भी थोडा पिघलती नहीं,

खो गई पाकर, तुमको जिंदगी कहीं,
आज कल तबियत भी तो मचलती नहीं,

रूबरू आँखों में है, चेहरा तिरा,
अश्क बहते हैं, पर वो मसलती नहीं,

बात आती थी सारी, याद रात भर,
सांस सीने में रुकी, टहलती नहीं.......

10 comments:

  1. kunwarji'sAugust 1, 2012 at 3:22 PM

    वाह!

    कुँवर जी,

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    1. अरुन शर्माAugust 1, 2012 at 3:38 PM

      शुक्रिया कुँवर जी

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  • dheerendraAugust 1, 2012 at 9:59 PM

    वाह,,, बहुत खूब अरुण जी,,,

    रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,

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    1. अरुन शर्माAugust 3, 2012 at 11:14 AM

      आदरणीय धीरेन्द्र जी आपको भी रक्षाबंदन की ढेरों बधाइयाँ .

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  • VIPINAugust 2, 2012 at 7:12 PM

    true

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    1. अरुन शर्माAugust 3, 2012 at 11:14 AM

      Thanks Vipin

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  • S.M MasumAugust 2, 2012 at 8:32 PM

    बहुत खूब

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    1. अरुन शर्माAugust 3, 2012 at 11:14 AM

      शुक्रिया सर

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  • मुकेश पाण्डेय चन्दनAugust 2, 2012 at 10:08 PM

    sundar abhivyakti !

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    1. अरुन शर्माAugust 3, 2012 at 11:14 AM

      बहुत-२ धन्यवाद

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