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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Friday, July 13, 2012

तेरी याद आती है माँ

दिल खोलकर सखियों में मेरा ज़िक्र करती थी,
ज़रा सी देर क्या हो जाए बहुत फिक्र करती थी.........

तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......
अश्क आँखों में जब आता है, दर्द जब मुझको सताता है,
जब उदास हो जाता है मन, जब बढ़ जाती है उलझन,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

जब सुबह कोई समय पर उठाता नहीं, चाय से भरा प्याला दिखाता नहीं,
जब सर पे कोई हाँथ रख कहता नहीं, बेटा देर हो जाएगी उठ जा,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

जब आवाज नहीं आती कानो में, कि ज़रा ध्यान से गाडी चलाना,
दफ्तर पहुँच कर मुझे तुम बताना, समय पर बेटा खाना है, खाना,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

लौटकर शाम को जब घर आता हूँ, खाली कुर्सी पर जब तू दिखती नहीं,
आज का दिन कैसा गुजरा, जब न पूंछे कोई.
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

देर हो या सबेर कोई रोकता नहीं, ग्लास भर पानी को टोकता नहीं,
सर में दर्द जब-जब चढ़ जाता है, हद से ज्यादा जो ये बढ़ जाता है,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

दोस्तों के घर मैं जब जाता हूँ, अपनी माँ से मुझे जब वो मिलवाते हैं,
जब - जब पूंछे है वो घर में कैसे है सब.
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

बे-रौनक पापा का जब-जब चेहरा दिखा, दर्द उनके भी चेहरे पर था लिखा,
बात दिल कि जब पापा छुपाते हैं माँ, समय कैसे तेरे बिन बिताते हैं माँ,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

नज़रें जब दिवार पर चढ़कर आपकी मुस्कुराती तस्वीर देखती हैं,
आसमान में जब सारे तारे जगमगा के आपस में बातें करते हैं,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

चाँद कि किरणे जब खिड़की पर दस्तक देती हैं,
और चंदा मामा कि कहानी याद आती है,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

आसमां जब धरती कि याद में आंशू बहाता है,
समंदर जब किनारों को डुबो जाता है,
सबेरा जब सूरज कि बिंदिया सजाता है,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

घर में बस्ती ये ख़ामोशी, और जब-२ घर आये मौसी,
तेरी याद आती है माँ, हाँ सच है माँ, बहुत याद आती है माँ......

मेरे जीवन कि अनमोल सबसे चीज़ ले गया,
मेरी माँ को मुझसे छीन डायबिटीज़ ले गया....

16 comments:

  1. रविकर फैजाबादीJuly 13, 2012 at 3:19 PM

    बहुत बढ़िया ।

    सादर अभिनन्दन ।।

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  2. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)July 13, 2012 at 6:01 PM

    बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
    आपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
    चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
    टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।।
    मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव।
    शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।

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  3. Reena MauryaJuly 13, 2012 at 10:21 PM

    माँ की याद हरपल साथ रहती है..
    और उनका आशीर्वाद भी ...
    भावुक करती रचना...

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  4. Dipanshu RanjanJuly 14, 2012 at 8:29 AM

    बहुत उम्दा लिखा है आपने....

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  5. Amrita TanmayJuly 14, 2012 at 9:20 AM

    उम्दा..

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  6. अरुन शर्माJuly 14, 2012 at 11:20 AM

    रविकर , मयंक SIR रीना जी, रंजन जी और अमृता जी. आप सभी को मेरा सादर प्रणाम, बहुत बहुत शुक्रिया.

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  7. OnkarJuly 14, 2012 at 12:02 PM

    भावुक करती रचना

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  8. आमिर दुबईJuly 14, 2012 at 12:34 PM

    बहुत ही सुन्दर ,और गहराई में जाकर लिखा है.माँ का टाइटल मुझे यहाँ तक खीच लाया.आपको मेरी तरफ से शुभकामनायें.इसी तरह लिखते रहें.



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

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  9. dheerendraJuly 14, 2012 at 12:47 PM

    तेरी आँखोंसे आसुओ का सिसकता किनारा
    त्याग,तपस्या,और तेरी ममता की धारा
    माँ की दुआ बढकर, कोई दुआ नही
    माँ के जैसा पवित्र रिश्ता दूसरा नही,,,,,,,,,,

    RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...

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  10. अरुन शर्माJuly 14, 2012 at 12:52 PM

    ओंकार जी, आमिर भाई बहुत- बहुत शुक्रिया आप दोनों का.

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  11. S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')July 14, 2012 at 2:41 PM

    अंतरस्परशी सुंदर रचना....

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  12. अरुन शर्माJuly 14, 2012 at 4:18 PM

    मिश्र जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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  13. lokendra singh rajputJuly 15, 2012 at 12:36 AM

    मां को समर्पित दिल से निकले भाव... मां सा इस दुनिया में और कोई नहीं....

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  14. मन के - मनकेJuly 15, 2012 at 5:13 PM

    ’मैं जानता हूं,तुझे सब है पता,मा’
    मां ही है जो बच्चे के हर अहसास को जीती है,
    काशः मां को भी जिया जाय.

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  15. मन के - मनकेJuly 15, 2012 at 5:14 PM

    ’मैं जानता हूं,तुझे सब है पता,मा’
    मां ही है जो बच्चे के हर अहसास को जीती है,
    काशः मां को भी जिया जाय.

    ReplyDelete
  16. अरुन शर्माJuly 15, 2012 at 5:34 PM

    बहुत-बहुत शुक्रिया

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