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Friday, July 27, 2012

शायद मैं नहीं रहा

दोस्त ....दोस्त वो नहीं रहा,
दिल के मारे, दिल नहीं रहा,


बहता पानी, आँख में नमी,
सागर छूटा, अब नहीं रहा,
 

धड़कन धीमी, और हो गयी,
काबू खुद पर, जो नहीं रहा,
 

अब बस तेरा, इंतज़ार है,
इतनी जल्दी, सो नहीं रहा,
 

रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा..........

9 comments:

  1. यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur)July 27, 2012 at 5:01 PM

    बहुत बढ़िया

    सादर

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  2. अरुन शर्माJuly 27, 2012 at 5:15 PM

    धन्यवाद यशवंत भाई

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  3. Reena MauryaJuly 30, 2012 at 6:28 PM

    रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
    शायद सच में, मैं नहीं रहा..........
    गहरे अहसास लिए रचना...

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    1. अरुन शर्माAugust 1, 2012 at 11:15 AM

      बहुत-२ धन्यवाद रीना जी

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  • Sarita SinhaAugust 8, 2012 at 12:39 AM

    khubsurat kavita..

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  • Sarita SinhaAugust 8, 2012 at 12:41 AM

    khubsurat..

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    Replies
    1. अरुन शर्माAugust 9, 2012 at 10:55 AM

      बहुत-२ शुक्रिया सरिता जी

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  • संजय भास्करSeptember 20, 2012 at 3:46 PM

    wah arun ji jwaab nahi aapka wahhhhh

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 20, 2012 at 3:50 PM

      धन्यवाद संजय जी शुक्रिया

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