दोस्त ....दोस्त वो नहीं रहा,
दिल के मारे, दिल नहीं रहा,
बहता पानी, आँख में नमी,
सागर छूटा, अब नहीं रहा,
धड़कन धीमी, और हो गयी,
काबू खुद पर, जो नहीं रहा,
अब बस तेरा, इंतज़ार है,
इतनी जल्दी, सो नहीं रहा,
रुकी सांसे बस, अभी -अभी,
शायद सच में, मैं नहीं रहा..........
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर
धन्यवाद यशवंत भाई
ReplyDeleteरुकी सांसे बस, अभी -अभी,
ReplyDeleteशायद सच में, मैं नहीं रहा..........
गहरे अहसास लिए रचना...
बहुत-२ धन्यवाद रीना जी
Deletekhubsurat kavita..
ReplyDeletekhubsurat..
ReplyDeleteबहुत-२ शुक्रिया सरिता जी
Deletewah arun ji jwaab nahi aapka wahhhhh
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी शुक्रिया
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