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Wednesday, July 25, 2012

कुछ शेर

मुझको भी जिंदगी की, जरुरत बना गई,
वो नज़रों से छु मुझे, खूबसूरत बना गई //

आँखों से तोड़ गयी, ख्वाबों की पंखुड़ियों को,
कांटो ने छोड़ दिया, जख्मी कर उंगलियों को //

देख तुझको निगाहों, में भर आया पानी,
देन है ये हसीनो की, है मेहरबानी //

लगा था मेला, मैं नीलाम हो गया,
कि दिल का सौदा, मेरा काम हो गया //

क्या कहूँ उसको समझ नहीं आता,
दिल में रहता है, घर नहीं आता //

ज़रा सी बात कह दी तो मलाल कर गई,
बुरा वो मान बत्तर, और हाल कर गई //

6 comments:

  1. शिवनाथ कुमारJuly 25, 2012 at 8:41 PM

    बहुत खूब ....

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  2. Reena MauryaJuly 25, 2012 at 10:42 PM

    बहुत बढ़िया शेर
    बहुत बेहतरीन:-)

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  3. dheerendraJuly 27, 2012 at 1:06 AM

    वाह ,,, लाजबाब शेर सुंदर प्रस्तुति,,,,,

    RECENT POST,,,इन्तजार,,,

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  4. अरुन शर्माJuly 27, 2012 at 5:16 PM

    बहुत बहुत शुक्रिया शिवनाथ जी , रीना जी एवं श्री धीरेन्द्र जी .....

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  5. संजय भास्करSeptember 20, 2012 at 3:47 PM

    bahut badhiya arun bhai ...dil khush kar diya aapne to

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    Replies
    1. "अनंत" अरुन शर्माSeptember 20, 2012 at 3:49 PM

      संजय भाई किसी लेखक रचना को पढ़ कर अगर दिल खुश हो जाए तो उस लेखक को और क्या चाहिए, शुक्रिया

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