कहता हूँ किया जख्मी, कहती है दिखाओ,
कहता हूँ कि दुखता है, कहती है दवा खाओ,
कहता हूँ मुस्किल है, कहती है भूल जाओ,
कहता हूँ नामुमकिन है, कहती है चलो जाओ,
कहता हूँ मर जाऊँगा, कहती है मर जाओ.....
अंधेरों में हूँ उलझा, उजालों को छोड़ दो,
कभी तो मेरे तुम, ख्यालों को छोड़ दो,
बढने दो जीवन में मुझको थोडा आगे,
तुम बीते हुए, सारे सालों को छोड़ दो....
जब तक जिन्दा हूँ मेरे जज़्बात से खेलेगी,
यादें तेरी मेरे दिन - वो - रात से खेलेगी,
भिगोती रहेंगी पलकें बार - बार,
ना मिलकर वो मुलकात से खेलेगी,
पन्ने जब दिल की किताबों के खुलेंगे,
भेद मोहोब्बत में हिसाबों के खुलेंगे,
नींद इस कदर रूठ गयी की,
पंख आँखों में न ख्वाबों के खुलेंगे...
दिल के काफिले में हुस्न का कारवां देखा,
तले घूँघट के आज फूल को जवां देखा,
उठाये नज़रें तो समंदर छलक जाए,
प्यार का रंग, रग - रग में रवां देखा...
कहता हूँ कि दुखता है, कहती है दवा खाओ,
कहता हूँ मुस्किल है, कहती है भूल जाओ,
कहता हूँ नामुमकिन है, कहती है चलो जाओ,
कहता हूँ मर जाऊँगा, कहती है मर जाओ.....
अंधेरों में हूँ उलझा, उजालों को छोड़ दो,
कभी तो मेरे तुम, ख्यालों को छोड़ दो,
बढने दो जीवन में मुझको थोडा आगे,
तुम बीते हुए, सारे सालों को छोड़ दो....
जब तक जिन्दा हूँ मेरे जज़्बात से खेलेगी,
यादें तेरी मेरे दिन - वो - रात से खेलेगी,
भिगोती रहेंगी पलकें बार - बार,
ना मिलकर वो मुलकात से खेलेगी,
पन्ने जब दिल की किताबों के खुलेंगे,
भेद मोहोब्बत में हिसाबों के खुलेंगे,
नींद इस कदर रूठ गयी की,
पंख आँखों में न ख्वाबों के खुलेंगे...
दिल के काफिले में हुस्न का कारवां देखा,
तले घूँघट के आज फूल को जवां देखा,
उठाये नज़रें तो समंदर छलक जाए,
प्यार का रंग, रग - रग में रवां देखा...
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