पृष्ठ

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

शनिवार, 16 जून 2012

हिम्मत जुटा गया

जिस्म पर दहकते हुए शोले लुटा गया,
जाने कहाँ से इतनी हिम्मत जुटा गया,
वो कहती रही की मैं मर जाऊँगी ,
मैं कदम ये भी एक दिन उठा गया....


यादों के पल जब भी दस्तक देते हैं,
अश्क झुका अपना मस्तक देते हैं,
जगा देते हैं सोये हुए ख्यालों को,
गुजरे लम्हों की पुस्तक देते हैं...

7 टिप्‍पणियां:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)16 जून 2012 को 5:19 pm

    बहुत अच्छी प्रस्तुति!
    इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (17-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरुन शर्मा16 जून 2012 को 5:31 pm

      सर्वप्रथम आपको प्रणाम.बहुत बहुत धन्यवाद आपका SIR ये आपका पहला कमेन्ट है मेरे ब्लॉग पर. इस कमेन्ट का बहुत बेशब्री से इंतज़ार था. आज मैं धन्य हो गया.

      हटाएं
    प्रत्‍युत्तर दें
  • dr.mahendrag16 जून 2012 को 5:42 pm

    Achhi prastuti

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • dr.mahendrag16 जून 2012 को 5:43 pm

    Achhi prastuti

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • yashoda agrawal16 जून 2012 को 6:28 pm

    सुन्दर रचना

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • Reena Maurya16 जून 2012 को 7:25 pm

    बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति...
    :-)

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • ब्लॉ.ललित शर्मा17 जून 2012 को 5:41 am

    **♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
    ~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
    *****************************************************************
    बेहतरीन रचना


    दंतैल हाथी से मुड़भेड़
    सरगुजा के वनों की रोमांचक कथा



    ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥

    ♥ पढिए पेसल फ़ुरसती वार्ता,"ये तो बड़ा टोईंग है !!" ♥


    ♥सप्ताहांत की शुभकामनाएं♥

    ब्लॉ.ललित शर्मा
    *****************************************************************
    ~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
    **♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  • टिप्पणी जोड़ें
    अधिक लोड करें...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर