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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Friday, June 15, 2012

मैं मरता रहा प्यार करता रहा

मैं मरता रहा प्यार करता रहा,
वो मुस्कुराती रही दिल दुखाती रही,
मैं तरसता रहा आह भरता रहा,
वो दुखती रगों को दबाती रही,
मैं भटकता रहा घाव भरता रहा,
वो जख्मों को लेकिन बढाती रही,
मैं शिशकता रहा अश्क बहता रहा,
वो आँखों में बारिश गिराती रही,
मैं खटकता रहा दूर रहता रहा,
वो दूरी को लेकिन घटाती रही......

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