Pages

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Thursday, June 14, 2012

हिन्दुस्तान की दर्द-ए-दास्ताँ

ईमानदारी से लोगों की अनबन है दोस्तों,
इस वजह से बढ गया करप्शन है दोस्तों,
सड़कों पर कुछ कर रहे अनशन है दोस्तों,
फिर भी नहीं बदलता, प्रशाशन है दोस्तों,
कोई नसे की धुत में खाना है त्याग आया,
और भूखे को नहीं मिलता भोजन है दोस्तों,
खातों का कुछ को अपने बैलेंस नहीं मालुम,
घर में कहीं ख़तम आज का राशन है दोस्तों,
इज्ज़त कई मासूमों की तार-तार हो गयी,
कई घरों में फिर से जन्मे दुशाशन है दोस्तों.......

1 comment:

  1. Anju (Anu) ChaudharyJune 15, 2012 at 12:00 PM

    ये अजीब हैं राजनीति की चाल दोस्तों

    ReplyDelete
Add comment
Load more...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर