चलो जिंदगी को तूफानी डगर की ओर ले चलें,
समंदर को उठा , अपने शहर की ओर ले चलें,
भर गया है अँधेरा, गलियों में बहुत ज्यादा,
रवि से मांग रोशिनी अपने घर की ओर ले चलें,
बढ ना जाए नफरतों का दौर दिन - ब - दिन,
मोहोब्बत का मतलब अब नज़र ओर ले चलें.....
समंदर को उठा , अपने शहर की ओर ले चलें,
भर गया है अँधेरा, गलियों में बहुत ज्यादा,
रवि से मांग रोशिनी अपने घर की ओर ले चलें,
बढ ना जाए नफरतों का दौर दिन - ब - दिन,
मोहोब्बत का मतलब अब नज़र ओर ले चलें.....
भर गया है अँधेरा, गलियों में बहुत ज्यादा,
ReplyDeleteरवि से मांग रोशनी अपने घर की ओर ले चलें,
सुंदर पंक्तियाँ !!!
बहुत खूब ....
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDeleteनफरत में क्या रक्खा है
मोहब्बत साथ होनी चाहिए...