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Monday, June 11, 2012

मुझे जगाने को

नींद को पड़ी आदत, मुझे जगाने को,
दर्द कोशिश करता है, गुदगुदाने को,
जब से मैं सोया हूँ, सदा के लिए,
उसके दिल में जगी चाहत मुझे उठाने को,
जिंदगी मेरी अब खुद रूठ गयी मुझसे,
भर कर माफ़ी लायी है मुझे मनाने को.....

5 comments:

  1. expressionJune 11, 2012 at 12:16 PM

    सुन्दर पंक्तियाँ अरुण जी.....

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  2. अरुन शर्माJune 11, 2012 at 12:58 PM

    शुक्रिया अनु जी

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  3. दिगम्बर नासवाJune 11, 2012 at 2:51 PM

    वाह क्या बात है ... नींद कों जगाने की आदत और दर्द कों दिल बहलाने की आदत ...

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  4. अरुन शर्माJune 11, 2012 at 3:27 PM

    धन्यवाद दिगम्बर जी

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  5. Reena MauryaJune 13, 2012 at 1:51 PM

    बहुत सुन्दर....
    :-)

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