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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Sunday, May 20, 2012

चाह कम हुई

मुझमे जीने की जबसे चाह कम हुई,
तड़पते दिल की मेरे आह कम हुई,
और देख नहीं सकता था तेरी बेवफाई,
अच्छा हुआ जो मेरी निगाह कम हुई.....

1 comment:

  1. Kailash SharmaMay 22, 2012 at 2:30 PM

    बहुत सुन्दर...

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