Pages

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Monday, April 15, 2013

दोहे

...................................................................................................
नारियों को समर्पित
...................................................................................................
  दुखदाई यह वेदना, बेहद घृणित प्रयत्न ।
दुर्जन प्राणी खो रहे, कन्या रूपी रत्न ।।

सच्ची बातों का बुरा, लगता है लग जाय ।
स्तर गिरा है पशुओं से, रहे मनुष्य बताय ।।

नारी से ही घर चले, नारी से संसार ।
नारी ही इस भूमि पे, जीवन का आधार ।।

माता पत्नी बेटियाँ, सब नारी के रूप ।
नारी जगदम्बा स्वयं, नारी शक्ति स्वरुप ।।

कन्या को क्यूँ पेट में, देते हो यूँ मार ।
बिन कन्या के यह धरा, ज्यों बंजर बेकार ।।

विनती है तुम हे प्रभू, ऐसा करो उपाय ।
बुरी दृष्टि जो जो रखे, नेत्रहीन हो जाय ।।
...................................................................................................
बच्चों को समर्पित
...................................................................................................

पढ़ लिख कर आगे बढ़ें, बनें नेक इन्सान ।
अच्छी शिक्षा जो मिले, बच्चें भरें उड़ान ।।

बच्चे कोमल फूल से, बच्चे हैं मासूम ।
सुमन भाँति ये खिल उठें, बनो धूप लो चूम ।।

देखो बच्चों प्रेम ही, जीवन का आधार ।
सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।

मजबूती जो नीव में, सदियों चले मकान ।
शिक्षा मात्र उपाय जो, करती दूर थकान ।।

आते देखे भोर को, भागा तामस जाय ।
सुख उसके ही साथ हो, दुख में जो मुस्काय ।।

सच्चाई की राह में, काँटे हैं भरपूर ।
अच्छी बातें सीख लो, करो बुराई दूर ।।

16 comments:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)April 15, 2013 at 6:48 PM

    नारियों को और बच्चों को समर्पित सभी दोहे बहुत उत्तम हैं।

    ReplyDelete
  2. संजय कुमार भास्‍करApril 15, 2013 at 7:26 PM

    सोच नहीं होती उसकी ..कि ...
    है वो इक बेचारी
    हार नहीं माना जिसने
    कहलाती वही नारी

    ReplyDelete
  3. yashoda agrawalApril 15, 2013 at 8:33 PM



    नारी से ही घर चले, नारी से संसार ।
    नारी ही इस भूमि पे, जीवन का आधार ।।
    ध्रुव सत्य
    अप्रतिम रचना...

    ReplyDelete
  4. धीरेन्द्र सिंह भदौरियाApril 15, 2013 at 9:43 PM

    वाह वाह अरुण जी !!! बहुत उम्दा प्रेरक सुंदर दोहे ,आभार

    Recent Post : अमन के लिए.

    ReplyDelete
  5. शालिनी कौशिकApril 15, 2013 at 10:56 PM

    सुन्दर प्रस्तुति . आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें रिश्तों पर कलंक :पुरुष का पलड़ा यहाँ भी भारी .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

    ReplyDelete
  6. सरिता भाटियाApril 16, 2013 at 10:22 AM

    लाजवाब दोहे रचे ,सबके मन को भाय
    देख सवेरा सामने ,रात ठहर ना पाय

    ReplyDelete
  7. Rajendra KumarApril 16, 2013 at 11:06 AM

    नारी और बच्चों पर बहुत ही बेहतरीन लाजबाब दोहे हैं मित्रवर,आपका आभार.

    ReplyDelete
  8. दिल की आवाज़April 16, 2013 at 1:02 PM

    अरुण जी बहुत बढ़िया दोहे ... युहीं अच्छा अच्छा लिखते रहो ताकि हम अच्छा अच्छा पढ़ते रहें .. धन्यवाद

    ReplyDelete
  9. सदाApril 16, 2013 at 1:21 PM

    सच्‍चाई की राह में कांटे हैं भरपूर ।

    अच्‍छी बातें सीख लो, करो बुराई दूर ।।
    बहुत ही सच्‍ची बात
    अच्‍छे लगे सभी दोहे

    ReplyDelete
  10. संजय भास्‍करApril 18, 2013 at 12:04 PM

    बढ़िया दोहे
    शब्दों की मुस्कुराहट पर …..मैं अकेला चलता हूँ

    ReplyDelete
  11. Shalini RastogiApril 19, 2013 at 12:45 AM

    प्रत्येक दोहा अपने आप में अनमोल है ..वाह अरुण जी ... प्रशंसा के लिए शब्द ही कम पड़ गए हैं !

    ReplyDelete
  12. दिगम्बर नासवाApril 21, 2013 at 4:01 PM

    बहुत लाजवाब हैं सभी दोहे अरुण जी ...

    ReplyDelete
  13. tbsinghApril 23, 2013 at 9:25 AM

    bahut sunder dohe !

    ReplyDelete
  14. सरिता भाटियाJune 2, 2013 at 4:43 PM

    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (03-06-2013) के :चर्चा मंच 1264 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
    सूचनार्थ |

    ReplyDelete
  15. कालीपद प्रसादJune 3, 2013 at 12:50 PM

    सभी दोहे भाव और अभिव्यक्ति में अनुपम है ,बधाई अरुण जी .
    LATEST POSTअनुभूति : विविधा ३
    latest post बादल तु जल्दी आना रे (भाग २)

    ReplyDelete
  16. sushilaJune 3, 2013 at 10:33 PM

    श्रेष्ठ लेखन के लिए बधाई स्वीकार करें अरूण जी !
    सभी दोहे बहुत ही सुंदर और सार्थक हैं।

    ReplyDelete
Add comment
Load more...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर