............. बुरा न मानो होली है ............
                                          
                                          रंगों की बदरी छाई है, होली की बारिश आई है,
                                          मस्ती ने मस्ती घोली है, रंगीन रची रंगोली है,
                                          
                                          शास्त्री सर की कविता रंगू, रविकर सर की कुण्डलियाँ,
                                          निगम सर के गीत भिगाऊं, धीरेन्द्र सर जी की गलियाँ,
                                          जरा हँसी मजाक ठिठोली है, यह गुरु शिष्य की होली है,
                                          मस्ती ने मस्ती घोली है, रंगीन रची रंगोली है,
                                          
                                          प्रिय संदीप मनोज सखा की ग़ज़लों को भंग पिलाऊं मैं
                                          शालिनी जी की अनुभूति को लाल गुलाल लगाऊं मैं,
                                          भरी रंगों से ही झोली है, यह मित्र सखा की होली है,
                                          मस्ती ने मस्ती घोली है, रंगीन रची रंगोली है,
                                          
                                          तरह तरह के रंग रंगीले, कुछ नीले हैं कुछ पीले हैं,
                                          एक जैसी सबकी सूरत है, सब भीगे हैं सब गीले हैं,
                                          मस्त पवन भी डोली है, झूमी गाती हर टोली है,
                                          मस्ती ने मस्ती घोली है, रंगीन रची रंगोली है,,
                                          
                                          हर चेहरा रंगों वाला है, चाहे गोरा है या काला है,
                                          यह प्रेम जुदा है गहरा है, खुशियों का घर-२ पहरा है,
                                          फागुन की मीठी बोली है, मनमौजी भंग की गोली है,
                                          मस्ती ने मस्ती घोली है, रंगीन रची रंगोली है ....
                                        
                                        
                                       
                                      
                                    
वाह अरुण जी,क्या बेहतरीन होली की प्रस्तुति दिए,बहुत ही सुन्दर.
प्रत्युत्तर देंहटाएंवाह ... बहुत खूब
प्रत्युत्तर देंहटाएंहोलिकोत्सव की अनंत शुभकामनाएं
आज की ब्लॉग बुलेटिन १ अप्रैल से रेल प्रशासन बनाएगा सब को फूल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
प्रत्युत्तर देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल 26/3/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका स्वागत है ,होली की हार्दिक बधाई स्वीकार करें|
प्रत्युत्तर देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
प्रत्युत्तर देंहटाएं--
रंगों के पर्व होली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामंनाएँ!
प्रिय अरुण जी,बहुत उम्दा सराहनीय रचना,,ईश्वर तुम्हारी लेखिनी में और बरक्कत दे यही मेरी दुआ है
प्रत्युत्तर देंहटाएंहोली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाए,,,
Recent post : होली में.
बहुत सुंदर रचना .... होली की शुभकामनायें
प्रत्युत्तर देंहटाएंbahut sunder. Arun ji, holi ki subhkamnayen ! kripya mere blog par bhi ayen. aapka swagat hai.
प्रत्युत्तर देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
प्रत्युत्तर देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ...सादर!
--
आपको रंगों के पावनपर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर चुटीले अंदाज में प्यार भरी होली गीत ...यही तो इस त्यौहार की खाशियत है ..सब मस्त ...
प्रत्युत्तर देंहटाएंबहुत ही बढ़िया प्रस्तुति ......
आपको होली की अनंत हार्दिक शुभकामनाएँ!
bahut badhiya rang bikhere hain holi ke...
प्रत्युत्तर देंहटाएंवाह! बहुत ही उत्कृष्ट, बहुत बधाई.
प्रत्युत्तर देंहटाएंहोली के अवसर पर लिखी मेरी रचनाओं पर भी आपका स्वागत है.
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा): होली
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा): होली नयनन की पिचकारी से
बहुत बढ़िया
प्रत्युत्तर देंहटाएंशुभ होली
HAPPY HOLI
प्रत्युत्तर देंहटाएंहोली की महिमा न्यारी
प्रत्युत्तर देंहटाएंसब पर की है रंगदारी
खट्टे मीठे रिश्तों में
मारी रंग भरी पिचकारी
होली की शुभकामनायें
आपको होली की अनंत हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!
प्रत्युत्तर देंहटाएंसुन्दर अंदाज में सुन्दर रचना...
प्रत्युत्तर देंहटाएंहोलिपर्व की शुभकामनाएँ...
:-)