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सोमवार, 1 अप्रैल 2013

ग़ज़ल : अगर मांगने में तू सच्चा हुआ है

वज्न : १२२ , १२२ , १२२ , १२२ 
बहर : मुतकारिब मुसम्मन सालिम

झपकती पलक और लगती दुआ है,
अगर मांगने में तू सच्चा हुआ है,

जखम हो रहे दिन ब दिन और गहरे,
नयन की कटारी ने दिल को छुआ है,

नहीं बच सकेगा जतन लाख कर ले,
नसीबा ने खेला सदा ही जुआ है,

न बरसात ठहरी न मैं रात सोया,
कि रह रह के छप्पर सुबह तक चुआ है,

सुखों का गरीबों के घर ना ठिकाना,
दुखों ने मुफत में भरी बद - दुआ है .

12 टिप्‍पणियां:

  1. Rajesh Kumari1 अप्रैल 2013 को 7:40 pm

    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार2/4/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है

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  2. रविकर2 अप्रैल 2013 को 8:26 am

    बढ़िया प्रस्तुति |
    शुभकामनायें -

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  3. Rajendra Kumar2 अप्रैल 2013 को 8:31 am

    बहुत ही बेहतरीन और भावपूर्ण ग़ज़ल की प्रस्तुति,अतिसुन्दर मित्रवर.

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  4. Kuldeep Thakur2 अप्रैल 2013 को 10:53 am

    सुंदर एवं भावपूर्ण रचना...

    आप की ये रचना 05-04-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
    पर लिंक की जा रही है। आप भी इस हलचल में अवश्य शामिल होना।
    सूचनार्थ।
    आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।

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  5. shashi purwar2 अप्रैल 2013 को 3:34 pm

    sundar gajal , badhai arun ji

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  6. कविता रावत2 अप्रैल 2013 को 5:52 pm

    सुखों का गरीबों के घर ना ठिकाना,
    दुखों ने मुफत में भरी बद - दुआ है .
    ...सच कहा आपने सुख भी घर देखकर आता है घर में ..

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  7. धीरेन्द्र सिंह भदौरिया2 अप्रैल 2013 को 10:50 pm

    बहुत उम्दा गजल,,,,अरुन जी,,,

    Recent post : होली की हुडदंग कमेंट्स के संग

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  8. Rohitas ghorela3 अप्रैल 2013 को 7:02 am

    आज आपके ब्लॉग पर आने का थोड़ा सा समय मिला है ...
    ये गज़ल ग़जब की हैं। सभी शेर बढ़िया हैं

    पधारिये :  किसान और सियासत

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  9. madhu singh3 अप्रैल 2013 को 9:54 am

    beshak ak behatareen gazal

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  10. दिल की आवाज़3 अप्रैल 2013 को 9:56 am

    अनंत जी बहुत ही बढ़िया रचना ...

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  11. Kalipad "Prasad"5 अप्रैल 2013 को 7:59 pm

    सुखों का गरीबों के घर ना ठिकाना,
    दुखों ने मुफत में भरी बद - दुआ है .--अनंत जी बहुत ही सच कहा आपने
    LATEST POST सुहाने सपने

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  12. neeloo6 अप्रैल 2013 को 9:10 pm

    Wah.. Sundar ghazal Anant ji.. Congrats :)

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