कहानी प्रेम की लिख दो,
ह्रदय का पृष्ठ सादा है,
यही दिल की तमन्ना है,
तुम्हारा क्या इरादा है,
सुनो पर छोड़ मत देना,
इसी का डर जियादा है,
कभी ये कह न देना तुम,
कि वादा सिर्फ वादा है,
जुए की तुम महारानी,
बेचारा दिल तो प्यादा है....
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गिला शिकवा शिकायत है,
मुहब्बत पर निहायत है,
खुदा का है करम लेकिन,
तुम्हारी भी इनायत है,
कभी मेरी खिलाफत तो,
कभी मेरी हिमायत है,
(हिमायत - तरफदारी)
बुराई देखती हो तुम,
कभी देखो किफ़ायत है,
(किफ़ायत - गुण)
सदा दिल को दुखाने का,
तुम्हें हक़ है रियायत है....
सुन्दर गजलें-
प्रत्युत्तर देंहटाएंआभार प्रिय अरुण-
वाह ! बहुत सुंदर गजल ...!
प्रत्युत्तर देंहटाएं==================
नई पोस्ट-: चुनाव आया...
behud pyari gazal hai...sada dil ko dukhane ka tumhe huqk hai,riyayat hai....wah..
प्रत्युत्तर देंहटाएंbahut hi badhiyan gajal...
प्रत्युत्तर देंहटाएं:-)
बहुत सुंदर !
प्रत्युत्तर देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर ग़ज़लें ..
प्रत्युत्तर देंहटाएंबेहद सुन्दर..बेहरीन गज़लें ...बधाई..अरुण जी..
प्रत्युत्तर देंहटाएंhttp://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ के शुक्रवारीय ६/१२/१३ अंक में आपकी रचना को शामिल किया जा रहा हैं कृपया अवलोकनार्थ पधारे ............धन्यवाद
प्रत्युत्तर देंहटाएंबढ़िया ग़ज़ल
प्रत्युत्तर देंहटाएंनई पोस्ट वो दूल्हा....
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