टूटता ये दिल रहा है जिंदगी भर,
दर्द ही हासिल रहा है जिंदगी भर,
अधमरा हर बार मुझको छोड़ देना,
मारता तिल-2 रहा है जिंदगी भर,
देखकर मुझको निगाहें फेर लेना,
दौर ये मुश्किल रहा है जिंदगी भर,
बेवजह मुझको मिली बदनामियाँ हैं,
जबकि वो कातिल रहा है जिंदगी भर,
नींद से मैं जाग जाता हूँ अचानक,
खौफ यूँ शामिल रहा है जिंदगी भर,
चाह है मैं चाहता उसको रहूँ बस,
इक यही आदिल रहा है जिंदगी भर.
17 comments:
सदाDecember 15, 2012 at 12:09 PM
वाह ... बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 15, 2012 at 1:36 PM
शुक्रिया सदा दी
Delete
Reply
Rohitas ghorelaDecember 15, 2012 at 12:29 PM
माफ़ी चाहता हूँ इतने दिनों से आपके ब्लॉग पर नही आ सका।
4 व 5 न. शेर बेहद लाजवाब लगा ...इन्ही शेरों पर दो शेर पेश कर रहा हूँ ...
प्यार बिन रोम रोम प्यासा है मेरा
तू दरिया रहा है जिन्दगी भर
लोग मांगते है प्यार मुझ से
तू ही ईशारा रहा है जिन्दगी भर.
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 15, 2012 at 1:37 PM
आभार रोहित भाई
Delete
Reply
Aamir DubaiDecember 15, 2012 at 1:27 PM
देखकर मुझको निगाहें फेर लेना,
दौर ये मुश्किल रहा है जिंदगी भर,
वैरी नाइस वरुण.ख़ास कर ये पंक्तियाँ .
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 15, 2012 at 1:37 PM
शुक्रिया-शुक्रिया आमिर भाई
Delete
Reply
संध्या शर्माDecember 15, 2012 at 2:31 PM
शोख नज़रों में सवाल बाकी हैं,
लाजवाब उम्र हुई जिंदगी भर...
वाह बहुत खूब... शुक्रिया अरुण
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 16, 2012 at 2:03 PM
आभार संध्या दी
Delete
Reply
shaliniDecember 15, 2012 at 4:45 PM
बेवजह मुझको मिली बदनामियाँ हैं,
जबकि वो कातिल रहा है जिंदगी भर,
नींद से मैं जाग जाता हूँ अचानक,
खौफ यूँ शामिल रहा है जिंदगी भर,... behatareen sher arun ji!
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 16, 2012 at 2:03 PM
शुक्रिया शालिनी जी
Delete
Reply
Reena MauryaDecember 15, 2012 at 6:37 PM
बहुत बढियाँ हर शेर खास है
बेहतरीन ...बेहतरीन....
:-)
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 16, 2012 at 2:03 PM
शुक्रिया रीना जी
Delete
Reply
धीरेन्द्र सिंह भदौरियाDecember 15, 2012 at 6:49 PM
बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,, बधाई।
ये भी एक तमाशा है कारजारे-उल्फत का
दिल किसी का होता है,बस किसी का चलता,,,,
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 16, 2012 at 2:04 PM
वाह आदरणीय धीरेन्द्र सर क्या बात है आभार.
Delete
Reply
Aarti SharmaDecember 15, 2012 at 7:25 PM
behad khub Arun ji
ReplyDelete
Aarti SharmaDecember 15, 2012 at 7:26 PM
behad khub Arun ji
ReplyDelete
Replies
अरुन शर्मा "अनंत"December 16, 2012 at 2:04 PM
शुक्रिया आरती जी
Delete
Reply
Add comment
Load more...
आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर
वाह ... बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteशुक्रिया सदा दी
Deleteमाफ़ी चाहता हूँ इतने दिनों से आपके ब्लॉग पर नही आ सका।
ReplyDelete4 व 5 न. शेर बेहद लाजवाब लगा ...इन्ही शेरों पर दो शेर पेश कर रहा हूँ ...
प्यार बिन रोम रोम प्यासा है मेरा
तू दरिया रहा है जिन्दगी भर
लोग मांगते है प्यार मुझ से
तू ही ईशारा रहा है जिन्दगी भर.
आभार रोहित भाई
Delete
ReplyDeleteदेखकर मुझको निगाहें फेर लेना,
दौर ये मुश्किल रहा है जिंदगी भर,
वैरी नाइस वरुण.ख़ास कर ये पंक्तियाँ .
शुक्रिया-शुक्रिया आमिर भाई
Deleteशोख नज़रों में सवाल बाकी हैं,
ReplyDeleteलाजवाब उम्र हुई जिंदगी भर...
वाह बहुत खूब... शुक्रिया अरुण
आभार संध्या दी
Delete