बोयें नैना, काटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,
खुशियाँ मातम, लाये गम
सूखी पलकें, कर दे नम,
जख्मों को है छांटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,
पल में ज्यादा, पल में कम,
लाये बारिश, का मौसम,
वादा करके नाटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,
साँसे, धड़कन जाये थम,
बहती आँखें , हैं हरदम,
यादों के भरदे कांटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल,
ठहरें रातें जाएँ जम,
बरसे बेचैनी छम-२,
फैलाता सन्नाटे दिल,
कुछ-२ सबको बांटे दिल.........
फैलाता सन्नाटे में दिल
ReplyDeleteकुछ कुछ सबको बाटें दिल,,,,,बेहतरीन प्रस्तुति,,,
स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
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आदरणीय धीरेन्द्र सर आपको तहे दिल से आभार.
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