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Thursday, May 31, 2012

बाद तेरे बाद

मुश्किलें बढ गयीं और भी उदासी के बाद,
सीना कर गयी छलनी वो शाबासी के बाद,
मसक्कत करता हूँ बहुत सोने को मगर,
नींद थोड़ी भी नहीं आती है उबासी के बाद,
लगी बीमारी जबसे, छाती कमजोर हो गई,
उठ जाता है अक्सर दर्द जोरका खांसी के बाद,
नशे में रहने लगा हूँ इस कदर आज - कल,
यादें तंग करती हैं और भी मुझे बेहोशी के बाद....

   

2 comments:

  1. Reena MauryaMay 31, 2012 at 7:52 PM

    kisase yah halat banayi...:-)
    dardbhari bhav abhivykti....

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  2. अरुन शर्माJune 1, 2012 at 11:04 AM

    धन्यवाद REENA JI

    ReplyDelete
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