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शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014

कुछ दोहे

प्रेम दिवस में मस्त हो, भूल गए माँ बाप ।
त्रुटियों का आभास ना, और न पश्चाताप ।१।

बदली संस्कृति सभ्यता, बदला है अंदाज ।
संबंधो पर गिर रही, परिवर्तन की गाज ।२।

मैली मन की भावना, दूषित हुए विचार ।
है क्षणभंगुर आजकी, नव पीढ़ी का प्यार ।३।

आजादी है नाम की, नाम मात्र गणतंत्र ।
व्यापित केवल देश में, पाप लोभ षड़यंत्र ।४।

हुआ मान सम्मान का, बंधन है कमजोर ।
बढ़ता जाता है मनुज, स्वयं पतन की ओर ।५।

मानव मस्ती मौज औ, मय की मद में चूर ।
अपने ही करने लगे, जख्मों को नासूर ।६।

11 टिप्‍पणियां:

  1. संजय भास्‍कर21 फ़रवरी 2014 को 6:15 pm

    लाज़वाब बहुत ही सुन्दर.....

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  2. ***आपने लिखा***मैंने पढ़ा***इसे सभी पढ़ें***इस लिये आप की ये रचना दिनांक24/02/2014 यानी आने वाले इस सौमवार को को नयी पुरानी हलचल पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...आप भी आना औरों को भी बतलाना हलचल में सभी का स्वागत है।


    एक मंच[mailing list] के बारे में---


    एक मंच हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक संयुक्त मंच है
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  3. प्रवीण पाण्डेय21 फ़रवरी 2014 को 7:26 pm

    वाह, बहुत खूब..

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  4. ब्लॉग बुलेटिन21 फ़रवरी 2014 को 8:52 pm

    ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, गूगल और 'निराला' - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  5. धीरेन्द्र सिंह भदौरिया21 फ़रवरी 2014 को 8:56 pm

    बहुत सुंदर सन्देश देते लाजबाब दोहे ..! अरुन जी ,,

    RECENT POST - आँसुओं की कीमत.

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  6. कालीपद प्रसाद21 फ़रवरी 2014 को 9:19 pm

    bahut sundar dohe vartmaan paristhiti par
    New post: शिशु

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  7. सुशील कुमार जोशी21 फ़रवरी 2014 को 9:47 pm

    बहुत उम्दा दोहे अनंत :)

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
  8. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक22 फ़रवरी 2014 को 6:54 am

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (22-02-2014) को "दुआओं का असर होता है" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1531 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  9. सुन्दर दोहे अरुण जी .

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  10. बहुत सुन्दर......

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  11. अरुण जी बहुत सुंदर दोहे .... अभिव्यंजना ब्लॉग पर आपके विचारों की प्रतीक्षा है ....

    प्रत्‍युत्तर देंहटाएं
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