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Friday, September 13, 2013

स्वयं विधाता ने हाथों से

स्वयं विधाता ने हाथों से, करके धरती का श्रृंगार,
दिया मनुज को एक सलोना, सुन्दर प्यारा सा संसार,

मानवता का पाठ पढ़ाया, सिया राम ने ले अवतार,
लौटे फिर से मोहन बनके, और सिखाया करना प्यार,

स्वतः स्वतः पर मानव बदला, बदली काया और विचार,
भूल गया सच की परिभाषा, भूल गया गीता का सार,

गुंडागर्दी लूट डकैती, धोखा सरकारी व्यापार,
अपने घर की चिंता सबको, भले मिटे दूजा परिवार,

खुद का दाना पानी मुश्किल, करते लोगों का कल्याण,
राम नाम जप करें कमाई, जनता का हर लेते प्राण,

भोग विलास अधर्म बुराई, महँगाई के बरसे बाण,
संसद में नेता जी कहते, जारी है भारत निर्माण....

14 comments:

  1. रविकरSeptember 13, 2013 at 11:31 AM

    सुन्दर अति सुन्दर -
    शुभकामनायें अरुण -

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  2. प्रवीण पाण्डेयSeptember 13, 2013 at 11:42 AM

    देश को सुन्दर भविष्य का अधिकार मिले।

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  3. धीरेन्द्र सिंह भदौरियाSeptember 13, 2013 at 12:02 PM

    सुंदर सृजन ! बेहतरीन रचना के लिए बधाई !!

    RECENT POST : बिखरे स्वर.

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  4. Shalini RastogiSeptember 13, 2013 at 12:52 PM

    aaj ke sach ko prastut karti sarthak rachna
    badhai!

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  5. सरिता भाटियाSeptember 13, 2013 at 2:48 PM

    वास्तिविकता को दर्शाती सुन्दर रचना

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  6. कालीपद प्रसादSeptember 13, 2013 at 2:50 PM

    अति सुन्दर रचना
    latest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)
    LATEST POSTअनुभूति : Teachers' Honour Award

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  7. Manjusha pandeySeptember 13, 2013 at 3:15 PM

    बेहद सुन्दरता से सत्य से रूबरू कराती....एक सार्थक रचना

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  8. रूपचन्द्र शास्त्री मयंकSeptember 13, 2013 at 4:14 PM

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल शनिवार (14-09-2013) को "यशोदा मैया है मेरी हिँदी" (चर्चा मंचः अंक-1368)... पर भी होगा!
    हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  9. Kuldeep ThakurSeptember 13, 2013 at 7:21 PM

    सुंदर रचना...
    आप की ये रचना आने वाले शनीवार यानी 14 सितंबर 2013 को ब्लौग प्रसारण पर लिंक की जा रही है...आप भी इस प्रसारण में सादर आमंत्रित है... आप इस प्रसारण में शामिल अन्य रचनाओं पर भी अपनी दृष्टि डालें...इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है...

    उजाले उनकी यादों के पर आना... इस ब्लौग पर आप हर रोज 2 रचनाएं पढेंगे... आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।

    आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
    हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
    इस के लिये आप को मात्र[email protected] पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।



    मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]


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  10. राजेंद्र कुमारSeptember 14, 2013 at 8:19 AM

    बहुत ही सुन्दर बेहतरीन प्रस्तुती,धन्यबाद।

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  11. Darshan jangraSeptember 15, 2013 at 12:32 AM

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - रविवार - 15/09/2013 को
    भारत की पहचान है हिंदी - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः18 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra





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  12. संजय भास्‍करSeptember 15, 2013 at 12:15 PM

    सत्य को दर्शाती सुन्दर रचना !

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  13. दिगम्बर नासवाSeptember 15, 2013 at 12:19 PM

    भोग विलास अधर्म बुराई, महँगाई के बरसे बाण,
    संसद में नेता जी कहते, जारी है भारत निर्माण....

    आज की राजनीति पे सटीक टिप्पणी ... मज़ा आया अरुण जी ...

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  14. Aparna SahSeptember 15, 2013 at 10:06 PM

    Rajniti pe likhi,aaj ke sandarv me sarthak rachna....

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