Pages

आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Friday, March 15, 2013

भयभीत बेटियों का हर तात जागता है

'बहरे मुजारे मुसमन अख़रब'
(221-2122-221-2122)
 
दिन रात मुश्किलों से जीवन का वास्ता है,
साँसों के साथ चलता मरने का सिलसिला है,

महका गुलों से उपवन मौसम हुआ सुहाना,
नींदों के बिना भौंरा अब रात काटता है,

फूलों को मेरे सबने रौंदा बुरी तरह से,
मेरे चमन से उसके गुलशन का रास्ता है,

मुरझाये पेड़ पौधे सूखा हरा बगीचा
मौसम ने कर लिया जो पतझड़ का नास्ता है,

फैले समाज में हैं जब से कई दरिन्दे,
भयभीत बेटियों का हर तात जागता है ...

15 comments:

  1. रविकरMarch 15, 2013 at 12:15 PM

    बहुत बढ़िया -
    सटीक हैं प्रियवर ||

    ReplyDelete
    Replies
    1. रविकरMarch 15, 2013 at 6:23 PM

      फैले समाज में हैं जब से कई दरिन्दे,
      भयभीत बेटियों का हर तात जागता है ...
      जबरदस्ती की पंक्तियाँ ठुसने की कोशिश-

      आये नए जमाने में हैं गजब परिंदे -
      पंखों शरीर पर रेजर तेज बांधता है -

      ताके लिए नज़ारे पीछा किया तो समझो-
      पाओ नहीं जमानत जेल कौंधता है-

      Delete
    Reply
  • सदाMarch 15, 2013 at 12:33 PM

    वाह ... बेहतरीन

    ReplyDelete
  • सरिता भाटियाMarch 15, 2013 at 12:37 PM

    बहुत सामयिक रचना अरुण ,बधाई

    ReplyDelete
  • ranjana bhatiaMarch 15, 2013 at 4:39 PM

    bahut hi sundar rachna arun

    ReplyDelete
  • पूरण खण्डेलवालMarch 15, 2013 at 4:48 PM

    सुन्दर !!

    ReplyDelete
  • रविकरMarch 15, 2013 at 6:25 PM

    आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।

    ReplyDelete
  • डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)March 15, 2013 at 7:39 PM

    अरे वाह!
    बहुत उम्दा ग़ज़ल पेश की है आपने तो अरुण जी!

    ReplyDelete
  • Rajendra KumarMarch 16, 2013 at 11:58 AM

    बहुत ही सामयिक और सुन्दर ग़ज़ल,आभार.

    ReplyDelete
  • संजय कुमार भास्‍करMarch 17, 2013 at 3:24 PM

    ........प्रशंसनीय रचना - बधाई

    बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ

    ReplyDelete
  • दिगम्बर नासवाMarch 17, 2013 at 6:26 PM

    फूलों को मेरे सबने रौंदा बुरी तरह से,
    मेरे चमन से उसके गुलशन का रास्ता है,...

    बहुत खूब ... मस्त गज़ल के शेर हैं सभी कमाल के ...

    ReplyDelete
  • vandanaMarch 18, 2013 at 6:16 AM

    बेहतरीन

    ReplyDelete
  • abhishek shuklaMarch 21, 2013 at 7:07 AM

    advitiya...

    ReplyDelete
  • Sukeshni TanwarMarch 25, 2013 at 5:40 PM

    Kiya apne jo vaar hai
    Dil hua bekarar hai

    Apki is Rachana se
    Hua dil Taar taar h.......

    Bahot hi sundar Arun Sir ji

    ReplyDelete
  • Rohitas ghorelaApril 3, 2013 at 7:29 AM

    jabrdast .... :)

    ReplyDelete
  • Add comment
    Load more...

आइये आपका स्वागत है, इतनी दूर आये हैं तो टिप्पणी करके जाइए, लिखने का हौंसला बना रहेगा. सादर