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आइये आपका हृदयतल से हार्दिक स्वागत है

Thursday, December 13, 2012

चाह है उसकी मुझे पागल बनाये

चाह है उसकी मुझे पागल बनाये,
बेवजह उड़ता हुआ बादल बनाये,

लोग देखेंगे जमीं से आसमां तक,
रेत में सूखा घना जंगल बनाये,

जान के दुखती रगों को छेड़कर,
दर्द की थोड़ी बहुत हलचल बनाये,

पास रखना है मुझे हर हाल में,
आँख का सुरमा कभी काजल बनाये,

दौर आया मुश्किलों की ओढ़ चादर,
और वो पत्थर मुझे दलदल बनाये,

मैं रहा तन्हा अकेला जिंदगी भर,
दूर सब अपने खड़े थे दल बनाये,

जान लो वो मार देगा जान से जो,
चासनी लब पर रखे हरपल बनाये....

25 comments:

  1. सदाDecember 13, 2012 at 11:12 AM

    अनुपम भाव लिये उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 13, 2012 at 1:09 PM

      शुक्रिया सदा दी

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  • रश्मिDecember 13, 2012 at 1:28 PM

    बहुत खूबसूरत नज्‍म

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 13, 2012 at 2:40 PM

      शुक्रिया रश्मि जी

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  • Aamir DubaiDecember 13, 2012 at 1:36 PM


    मैं रहा तन्हा अकेला जिंदगी भर,
    दूर सब अपने खड़े थे दल बनाये,

    Very nice arun brother.

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 13, 2012 at 2:40 PM

      शुक्रिया आमिर भाई

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  • दिगम्बर नासवाDecember 13, 2012 at 2:23 PM

    बहुत खूबसूरत शेर हैं ... दिल को छूते हुवे ...

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 13, 2012 at 2:41 PM

      अनेक-2 धन्यवाद दिगम्बर सर

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  • संध्या शर्माDecember 13, 2012 at 3:07 PM

    लोग देखेंगे जमीं से आसमां तक,
    रेत में सूखा घना जंगल बनायें .
    वाह क्या बात है, बहुत सुन्दर भाव... शुभकामनायें

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 13, 2012 at 4:01 PM

      आभार संध्या दी बहुत-2 शुक्रिया

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  • हिंदी चिट्ठा संकलकDecember 13, 2012 at 6:45 PM

    सादर आमंत्रण,
    आपका ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर नहीं है,
    कृपया इसे शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 14, 2012 at 10:48 AM

      आभार शामिल कर दिया है.

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    Reply
  • हिंदी चिट्ठा संकलकDecember 13, 2012 at 6:46 PM

    सादर आमंत्रण,
    आपका ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर नहीं है,
    कृपया इसे शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq

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  • धीरेन्द्र सिंह भदौरियाDecember 13, 2012 at 7:41 PM

    उम्दा भाव लिए बढिया सृजन , बधाई।

    recent post हमको रखवालो ने लूटा

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 14, 2012 at 10:48 AM

      आभार धीरेन्द्र सर

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    Reply
  • Ankur JainDecember 13, 2012 at 9:39 PM

    सुंदर नज्म।।।
    कई बार किसी के लिए पागल होने की हसरत भी कितनी रुमानी होती है।

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 14, 2012 at 10:51 AM

      सत्य है मित्र अंकुर

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  • अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)December 14, 2012 at 8:05 AM

    प्यार सच्चा हो तो कच्ची डोर काफी
    कौन पागल फिर इसे साँकल बनाये |
    आसमां पे मत उड़ाये चाह कोई
    पाँव के नीचे रखो भूतल बनाये |
    आँख का जल आँजता है आँख काजल
    क्यों भटकते हो हृदय मरुथल बनाये |
    खूब कहते हैं गज़ल शर्मा अरुण जी
    भाव को रखते सदा संदल बनाये |

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 14, 2012 at 10:49 AM

      हार्दिक आभार अनेक-2 धन्यवाद आदरणीय अरुण सर

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  • संगीता स्वरुप ( गीत )December 14, 2012 at 10:59 AM

    बहुत खूब ....

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 15, 2012 at 1:37 PM

      आभार आदरणीया संगीता जी सादर

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  • Rohitas ghorelaDecember 15, 2012 at 12:57 PM

    सारी की सारी गज़ल बड़ी शानदार है पर ये शेर तो कमाल कर गया ...

    "जान लो वो मार देगा जान से जो
    चासनी लब पर रखे हरपल बनाये."

    क्या गजब का शेर है .... वाह भई वाह ...

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    1. अरुन शर्मा "अनंत"December 15, 2012 at 1:38 PM

      रोहित भाई आभार

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    Reply
  • Reena MauryaDecember 15, 2012 at 6:41 PM

    बहुत बढियाँ....
    बहुत खूब....
    :-)

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  • सरिता भाटियाMarch 13, 2013 at 11:25 AM

    umda bahut badhiya

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